VLTD: बस-ट्रक से लेकर ऑटो तक, बिहार की सभी गाड़ियों में लगेगा खास उपकरण, पुराने वाहनों के लिए भी अनिवार्य
बिहार में अब बस, ऑटो और ट्रक जैसे सभी व्यावसायिक वाहनों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। परिवहन ...और पढ़ें

सभी तरह की कॉमर्शियल वाहनों में लगेगा वीएलटीडी। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। बस, आटो, ट्रक समेत राज्य में चलने सभी व्यावसायिक वाहनों (Commercial Vehicles) में जल्द ही वाहन लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में इस बाबत निर्णय लिया गया।
परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को बड़े और सार्वजनिक वाहनों के परिचालन में आ रही परेशानियों को दुरुस्त करने के संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा बैठक की।
इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि राज्य में संचालित सार्वजनिक यात्री वाहनों में से मात्र 30-40 प्रतिशत वाहनों में ही ट्रैकिंग उपकरण लगाया गया है। इसके लिए 30 एजेंसियां काम कर रही है, जिनका काम असंतोषजनक है।
गति सीमा और रूट का करना होगा पालन
अधिकारियों ने बताया कि एक जनवरी 2019 के बाद निर्मित सार्वजनिक वाहनों में मानक के अनुरूप वीएलटीडी और आपाताकालीन बटन लगाना अनिवार्य है। साथ ही पुराने सार्वजनिक वाहनों के पंजीकरण, परमिट, इंश्योरेंस, रिन्यूएल या फिटनेस जांच के समय वीएलटीडी उपकरण लगाया जाना है।
मंत्री ने कहा कि व्यावसायिक वाहनों में यान ट्रैकिंग प्रणाली नहीं लगाने के कारण वाहन निर्धारित गति सीमा का तो पालन नहीं ही करते हैं, अपने निर्धारित मार्ग से भी भिन्न मार्ग पर वाहन चलाते हैं।
अचानक ब्रेक लगने से दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है, जो सुरक्षा की दृष्टिकोण से उचित नहीं हैं। साथ ही ग्रामीण सड़कों पर इन वाहनों के परिचालन से सड़क क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।
उन्होंने इन सभी गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए विभागीय पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है। उन्होंने आगे कहा कि समय सीमा के भीतर निर्देशों का पालन नहीं करने वाले संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या होती है वीएलटीडी?
वीएलटीडी से वाहन की सटीक लोकेशन और गति की जानकारी निरंतर मिलती रहती है। इसका उपयोग आपात स्थिति में कर कोई महिला एवं बच्चा सुरक्षा प्राप्त कर सकता है। वाहनों में लगा यह खास तरह का उपकरण सीधे परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम से जुड़ा रहेगा ताकि आपात स्थिति में मानक का पालन करते हुए सीधे मदद मुहैया कराई जा सके।

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