Health Tips: बरसात में वायरल फीवर और पेट की बीमारी का खतरा बढ़ा, एक्सपर्ट ने बताए सावधानी के उपाय
पटना में बरसात के मौसम में वायरल संक्रमण और पेट संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव और दूषित भोजन के कारण बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। डॉक्टरों के अनुसार वायरल बुखार डेंगू डायरिया और टायफाइड का खतरा बढ़ गया है। डायरिया के मामलों में उल्टी और दस्त से डिहाइड्रेशन हो सकता है इसलिए ओआरएस घोल और स्वच्छ भोजन देना चाहिए।

जागरण संवाददाता, पटना। बरसात के मौसम में वायरल संक्रमण और पेट से जुड़ी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। तापमान में उतार-चढ़ाव, नमी और दूषित पानी-भोजन के कारण खासकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय वायरल फीवर, डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया, टाइफाइड और जॉन्डिस जैसी बीमारियों का खतरा सबसे अधिक है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रिजवान अहमद ने बताया कि मौसम बदलने पर बच्चों में तेज बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश और बदन दर्द आम लक्षण हैं। कई बार ये सामान्य फ्लू जैसे लगते हैं, लेकिन अगर बुखार लगातार बना रहे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। साथ ही मच्छर जनित रोग डेंगू और चिकनगुनिया भी तेजी से फैल रहे हैं।
डायरिया और पेट की समस्याएं
पीएमसीएच के वरीय गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ. शिशिर ने बताया कि दूषित पानी और बासी भोजन से बच्चों में डायरिया के मामले बढ़ रहे हैं। इसमें बार-बार दस्त, उल्टी, पेट में ऐंठन और कमजोरी की शिकायत होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार दस्त से शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो सकती है, जो खतरनाक साबित हो सकती है। बच्चों को ओआरएस घोल और साफ-सुथरा भोजन देना जरूरी है।
कहा कि बरसात में टायफाइड और जान्डिस (पीलिया) के मामले भी बढ़ते हैं। टायफाइड दूषित भोजन और पानी से फैलने वाला बैक्टीरियल संक्रमण है। इसमें लगातार तेज बुखार, सिरदर्द, भूख न लगना और पेट दर्द के लक्षण मिलते हैं। वहीं, जान्डिस में लिवर प्रभावित होता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।