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    तेजस्वी यादव को विजय सिन्हा ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी, बोले- जहां बोलोगे; वहां समझाएंगे

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 01:26 PM (IST)

    सिन्हा ने तेजस्वी की उम्र और डिग्री पर कटाक्ष किया। कहा कि जिनके राज में ग्रेजुएशन की डिग्री छह वर्ष में मिलती थी वे हमारी डिग्री पर प्रश्न उठा रहे। मैट्रिक (हाई स्कूल) का अपना प्रमाण-पत्र दिखाते हुए तेजस्वी को सर्टिफिकेट दिखाने की चुनौती दी।तेजस्वी की उम्र कागजात में बड़े भाई तेजप्रताप से अधिक है।

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    तेजस्वी को सिन्हा ने दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी, बोले : जहां बोलोगे, वहां समझाएंगे

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजद नेता तेजस्वी यादव के आरोपों पर उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने करारा पलटवार किया है। बुधवार को प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि जो लोग पैसा और भूमि लेकर नौकरी देते हैं, वे मुझ पर प्रश्न उठा रहे।

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    मेरी दोनों डिग्रियां मेरे पास हैं और मैं कहीं से भी जांच के लिए तैयार हूं। कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि मुझ पर झूठे आरोप लगाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

    जहां बोलेंगे, वहां समझाएंगे। अपने दोहरे मतदाता पहचान-पत्र (ईपिक) के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पटना से उनका नाम हटा दिया गया है। मैंने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब साक्ष्यों के साथ दे दिया है, अब तेजस्वी यादव अपने आरोपों पर उत्तर दें।

    सिन्हा ने तेजस्वी की उम्र और डिग्री पर कटाक्ष किया। कहा कि जिनके राज में ग्रेजुएशन की डिग्री छह वर्ष में मिलती थी, वे हमारी डिग्री पर प्रश्न उठा रहे। मैट्रिक (हाई स्कूल) का अपना प्रमाण-पत्र दिखाते हुए तेजस्वी को सर्टिफिकेट दिखाने की चुनौती दी।

    कहा कि 2024 में मेरी उम्र 57 वर्ष रही। लालू यादव और राबड़ी देवी अपने बेटों की उम्र और डिग्री पर बयान क्यों नहीं देते? 2015 के विधानसभा चुनाव से पहले छोटे भाई को बड़ा बना दिया गया।

    अनुकंपा की राजनीति से निकले जंगलराज के युवराज और भ्रष्टाचार में पले-बढ़े कांग्रेस के लोग मुझे क्या बताएंगे। उल्लेखनीय है कि तेजस्वी की उम्र कागजात में बड़े भाई तेजप्रताप से अधिक है।

    मतदाता-सूची में भीखूभाई दलसानिया के नाम पर सिन्हा ने कहा कि अब एक राष्ट्र-एक चुनाव की बात चल रही है। कोई भी कहीं वोट डाल सकता है।

    ये लोग नियम-कानून नहीं जानते, मात्र आरोप लगा देना है। स्वयं को ‘एनडीए का हनुमान’ बताते हुए उन्होंने कहा कि जब तक मैं हूं, तब तक एनडीए को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

    मैं शिक्षक का पुत्र हूं, शालीनता नहीं छोड़ना चाहता। जिन्हें लोकतंत्र पर भरोसा होता है, वे चुनाव बहिष्कार की बात नहीं करते।

    तेजस्वी जैसे लोग वस्तुत: लोकतंत्र के विरोधी हैं। ये लोग चुनावी मैदान से भागने का बहाना ढूंढ रहे। पहले खेल के मैदान से भागे थे। अगर चुनाव में भागेंगे तो जनता सबक सिखा देगी।

    संविधान पर जिनको भरोसा नहीं, उन पर कार्रवाई हो। इतनी स्वतंत्रता भी ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि शकुनि और दुर्योधन जैसे लोगों को सबक सिखाने का समय आ गया है। जिस भाषा में तुम समझोगे, उस भाषा में समझाएंगे। जहां बोलोगे, वहां समझाएंगे।