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    Bihar Politics: 'जनता के मुद्दे सबके हैं, नीतीश सरकार उन्हें पूरा कर रही', मंत्री विजय चौधरी ने विपक्ष के दावों को नकारा

    By vidya sagar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Sun, 03 Aug 2025 01:56 PM (IST)

    जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जागरण फोरम में कहा कि नीतीश सरकार जनता के मुद्दों को पूरा कर रही है। उन्होंने विपक्ष पर सच्चे मन से मुद्दे न उठाने का आरोप लगाया। एसआईआर पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने विपक्ष की मांग पर विधानसभा में चर्चा कराई। चौधरी ने सीमांचल और कोसी में जदयू का जनाधार कमजोर होने की धारणा को भी गलत बताया।

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    विजय कुमार चौधरी ने कहा कि नीतीश सरकार जनता के मुद्दों को पूरा कर रही है। जागरण

    विद्या सागर, पटना। जनता के मुद्दे सबके हैं। नीतीश सरकार उन्हें पूरा कर रही है। अगर कोई मुद्दा सच्चे मन से उठाया जाता है और वह पूरा होता है, तो सरकार को धन्यवाद देना चाहिए। क्या विपक्ष ने धन्यवाद दिया? नहीं। वे सच्चे मन से मुद्दा नहीं उठा रहे थे।

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    ...यह मुद्दा न तो उनका था और न ही इससे उनका कोई सरोकार था। वे सिर्फ राजनीति कर रहे थे। ये बातें बिहार के जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने जागरण फोरम में विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के प्रभाव पर आयोजित संवाद में कहीं।

    यह सवाल विपक्ष द्वारा सरकार पर एजेंडा चुराने के आरोप पर था। विजय चौधरी दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता रमन शुक्ला से बात कर रहे थे। एसआईआर पर उठे सवालों पर चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार ने विधानसभा में इस पर चर्चा की। विधानसभा या विधान परिषद में जो बातें कही जाती हैं, वह किसी एक सदन के लिए नहीं, बल्कि पूरे बिहार के लिए होती हैं। किसी भी मुद्दे पर विचार दोनों सदनों में रखा जाता है।

    सत्ता पक्ष को सदन में किस बात पर आपत्ति?

    उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्यों को एसआईआर पर चर्चा पर आपत्ति थी, क्योंकि विधानसभा के कार्य नियम इस पर चर्चा की अनुमति नहीं देते। फिर भी सरकार ने विपक्ष की मांग पर चर्चा कराई। चर्चा की मांग करने वाले विपक्षी नेता सुप्रीम कोर्ट चले गए। सदन में एसआईआर पर कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं लाया जाना था।

    आगे कहा, चर्चा का उद्देश्य था कि सदन शांतिपूर्ण ढंग से चले। विपक्ष को अपना पक्ष रखने का अवसर मिला और सरकार ने भी अपना पक्ष रखा। बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने में जदयू के पिछड़ने और प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर उनके द्वारा किए गए कार्यों के सवाल पर चौधरी ने कहा कि पार्टी ने बीएलए नियुक्त किए हैं। बीएलए-1 और बीएलए-2 की नियुक्ति भी कर दी गई है। बीएलए बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की मदद के लिए होता है ताकि चुनाव में राजनीतिक दलों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

    किन क्षेत्रों में जदयू का जनाधार कमजोर?

    सीमांचल और कोसी में जदयू का जनाधार कमजोर होने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि यह गलत धारणा है। एक एजेंडे के तहत यह फैलाया जा रहा है। यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि एसआईआर के नाम पर मतदाता सूची से एक धारा हटाई जा रही है। चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। 22 लाख मृत मतदाताओं, 35 लाख ऐसे लोगों जिन्होंने फॉर्म जमा नहीं किया और 6 लाख ऐसे लोग जो अपने पते पर नहीं मिले, उनके नाम हटा दिए गए।

    इस सवाल पर विस्तार से मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि 65 लाख की सूची हर विधानसभा क्षेत्र के पोलिंग बूथ के हिसाब से कैटेगरी वाइज विस्तार से जारी की गई। यह पूरी तरह पारदर्शी है। पार्टियों के बीएलए भी इसे सही मान रहे हैं। अगर विपक्ष साबित कर दे कि 5-10 नाम भी गलत हटाए गए, तो इसे विसंगति माना जाएगा।

    राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा टिकट बंटवारे के लिए चार लोगों को अधिकृत करने की चर्चा पर चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसी को अधिकृत नहीं किया। समय आने पर एनडीए में शांतिपूर्ण तरीके से सीटों का बंटवारा हो जाएगा। पहले सीटों की संख्या तय होगी, फिर सीटों को चिह्नित किया जाएगा और उसके बाद उम्मीदवार तय किए जाएंगे।

    वोटर लिस्ट से क्यों हटा मतदाताओं के नाम?

    एसआईआर में 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने पर सवाल उठा कि क्या यह राज्य सरकार के कर्मचारियों की अक्षमता नहीं दर्शाता? क्या पहले के चुनाव निष्पक्ष थे? इस पर चौधरी ने कहा कि यह सवाल चुनाव आयोग से जुड़ा है। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों की अक्षमता का सवाल ही नहीं उठता। जनप्रतिनिधित्व कानून में मतदाता पुनरीक्षण का प्रावधान है। पुनरीक्षण दो तरह का होता है- सामान्य और विशेष। विशेष मतदाता पुनरीक्षण 22 साल बाद हुआ है।

    उन्होंने आगे कहा, एसआईआर और सामान्य पुनरीक्षण में अंतर है। एसआईआर में बीएलओ घर-घर जाकर सत्यापन करते हैं। इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं होती। चुनाव आयोग जब चाहे कर्मियों का उपयोग कर सकता है। सीमांचल में 125 फीसदी आधार कार्ड बनने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि संविधान व्यक्ति और नागरिक में फर्क करता है। मौलिक अधिकार सबके लिए समान हैं, इसमें कोई अंतर नहीं है।

    मंत्री ने कहा, आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है। विधानसभा में युवा और बुजुर्ग नेताओं के बीच टकराव के सवाल पर चौधरी ने कहा कि यही भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती है। कोई भी ऐसी पार्टी बताइए, जहां युवा नेता न हों। समय के साथ युवा नेता उभरते हैं और बुजुर्ग नेता भी आगे आते हैं। राजतंत्र में राजा गलती नहीं कर सकता, लेकिन लोकतंत्र में जनता ही फैसला करती है।