मंत्री विजय चौधरी के 35:65 फार्मूला का क्या है मतलब? पदभार ग्रहण करते ही अधिकारियों संग की बैठक
विजय कुमार चौधरी ने जल संसाधन और भवन निर्माण विभाग के मुखिया के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने अधिकारियों से पारदर्शिता के साथ कार्यों को तत्परता से पूरा करने का आग्रह किया। चौधरी ने नई पहलों पर ध्यान केंद्रित करने और सिंचाई क्षमता का विस्तार करने पर जोर दिया।

मंत्री विजय चौधरी ने पदभार किया ग्रहण। (जागरण)
राज्य ब्यूरो, पटना। विजय कुमार चौधरी ने रविवार को जल संसाधन विभाग के साथ भवन निर्माण विभाग के मुखिया के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया।
उसके उपरांत चौधरी ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य-संस्कृति को और विकसित करने का आग्रह किया। निर्देश दिया कि हमारा लक्ष्य पारदर्शिता के साथ निर्धारित कार्यों को कल के बजाय आज और अभी के आधार पर निष्पादित करने का होना चाहिए।
जल संसाधन विभाग में चौधरी ने निर्देश दिया कि कार्यशैली में 35:65 का अनुपात सुनिश्चित किया जाए। यानी 35 प्रतिशत ध्यान नई पहल और नवाचार को दें और 65 प्रतिशत ऊर्जा मूल दायित्वों को पूरा करने एवं मौजूदा योजनाओं को पूरी तरह दुरुस्त करने में लगाएं।
रबी फसल के लिए सिंचाई क्षमता में विस्तार हो और नहर के अंतिम छोर तक पानी को निर्बाध पहुंचाने की व्यवस्था हो। पहले से निर्मित तटबंधों को मजबूत के साथ उनका दायरा बढ़ाकर क्षेत्र को बाढ़ से सुरक्षित करना प्राथमिकताओं में रहे।
क्षेत्रीय अभियंता तटबंधों एवं नहरों का स्वयं सतत निरीक्षण करें। प्रधान सचिव ने विशिष्ट कार्यों के लिए गठित टीमों का उल्लेख किया।
मंत्री ने निर्देश दिया कि इन टीमों में अधिक से अधिक भागीदारी युवा अभियंताओं की हो, जिससे उनकी ग्रूमिंग हो सके और विभाग में नई कार्य-संस्कृति व ऊर्जा का संचार हो सके।
बैठक में अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) ब्रजेश मोहन, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) अवधेश कुमार, अभियंता प्रमुख (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) वरुण कुमार, संयुक्त सचिव अजय कुमार आदि उपस्थित रहे।
पारदर्शिता के लिए कई स्तर पर होगी भवन निर्माण के कार्यों की समीक्षा
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने विभाग की संरचना एवं कार्यप्रणाली से मंत्री को पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया। बताया गया कि हाल के वर्षों में बापू टावर, राजगीर खेल परिसर, बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप सहित कई आइकानिक भवनों का निर्माण हुआ है।
योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी लेने के बाद चौधरी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण निर्माण और समय से काम प्राथमिकता में रहे। निर्माण कार्यों की समीक्षा कई स्तर पर होगी, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
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