Vijay Kumar Chaudhary: विजय चौधरी फिर बने नीतीश के मंत्री, सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में बनाया करियर
विजय कुमार चौधरी बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले है। इन्होंने सरकारी नौकरी को छोड़कर राजनीति में अपना दांव अजमाया था, वर्ष 1982 में वे पहली बार कांग्रेस के टिकट से विधायक बने थे। लगातार तीन बार विधायक रहे। 2005 में उन्होंने जेडीयू का दामन थामा और वो बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है

विजय कुमार चौधरी
डिजिटल डेस्क, पटना। विजय कुमार चौधरी का जन्म समस्तीपुर जिले के दलसिंहसराय में 8 जनवरी 1957 को हुई थी वो चौधरी स्वतंत्रता सेनानी और पूर्व मंत्री जगदीश प्रसाद चौधरी के पुत्र हैं। शुरुआती शिक्षा के बाद उन्होंने इतिहास में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की, और पढ़ाई पूरी होने के बाद 1979 में भारतीय स्टेट बैंक में अधिकारी बने, लेकिन तीन साल बाद उन्होंने स्थायी नौकरी छोड़कर राजनीति को अपना करियर बना लिया था।
वर्ष 1982 में वे पहली बार कांग्रेस के टिकट से विधायक बने थे। लगातार तीन बार विधायक रहे और इस दौरान BSIDC के उपाध्यक्ष तथा कांग्रेस विधायक दल के उपमुख्य सचेतक के रूप में भी काम किया था।
2005 में उन्होंने जेडीयू का दामन थामा और जल्द ही नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेताओं में शुमार हो गए। दल और सरकार दोनों जगह उनकी संगठनात्मक और प्रशासनिक भूमिका बढ़ती गई।
विजय कुमार चौधरी ने बिहार सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है, जिनमें वित्त, शिक्षा, जल संसाधन, ग्रामीण विकास, भवन निर्माण और कृषि-पशुपालन जैसे विभाग शामिल हैं।
वे 2015 से 2020 तक बिहार विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे, जहां उनकी कार्यशैली और सत्र संचालन की क्षमता विशेष रूप से चर्चा में रही।
सालों से वे जेडीयू के प्रमुख रणनीतिक चेहरों में से एक हैं। वर्तमान कार्यकाल में भी वे कैबिनेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और सरकार के अंदर संसदीय कार्यों के समन्वय में अहम कड़ी माने जाते हैं।

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