सेक्स बुरी चीज तो नहीं, लोग देखना चाहते हैं, इसलिए दिखा रहे हैं : विद्या बालन
बिहार का सत्तू, भागलपुर की साडिय़ां, मधुबनी की पेंटिंग्स और यहां का इतिहास किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी है। बिहार की बस इन्हीं चीजों ने अभिनेत्र ...और पढ़ें

पटना [काजल]। बिहार का सत्तू, भागलपुर की साडिय़ां, मधुबनी की पेंटिंग्स और यहां का इतिहास किसी को भी दीवाना बनाने के लिए काफी है। बिहार की बस इन्हीं चीजों ने अभिनेत्री विद्या बालन को भी अपना दीवाना बना दिया। बोल्ड फिल्मों के बढ़ते चलन पर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी।
दैनिक जागरण और डेटॉल बनेगा स्वच्छ इंडिया के तहत आयोजित चेंजिंग माइंडसेट्स-क्रिएटिंग सेनिटेशन चेंज लीडर्स कैम्पेन की ब्रांड एंबेस्डर विद्या बालन ने फिल्मी करियर, कास्टिंग काउच, आगे की योजना सहित तमाम मुद्दों पर हमारे साथ खुलकर बात की। पढ़ें, प्रमुख मुद्दों पर उन्होंने क्या कहा...
प्रश्न : पहली बार बिहार आकर कैसा लग रहा है?
बिहार आकर यहां के लोगों से मिलने की बहुत इच्छा थी। भागलपुर की साडिय़ों की तो मैं दीवानी हूं। कैसे बनाई जाती है, ये भी देखने वहां जरूर जाऊंगी।
प्रश्न : बिहार की कौन सी चीज पसंद है?
पूरी दुनिया की तरह बिहार के सत्तू की महक मुझे भी मदहोश करती है। अब तक बिहारी बाबू (शत्रुघ्न सिन्हा) से ही बिहार को समझने और जानने का मौका मिला है। अब घूमना है पूरा बिहार, देखूंगी कौन-कौन से रंग है, यहां की ऐतिहासिक धरती पर।
प्रश्न : बोल्ड सीन्स वाली फिल्म बगैर स्टोरी के ही भीड़ खींच लेती हैं, क्या कहना है?
अब समय बदल गया है। सेक्सुअलिटी कोई बड़ी बात नहीं है। जो लोग देखना चाहते हैं, फिल्में वही दिखाती हैं। वैसे भी सेक्स कोई बुरी चीज तो नहीं है।
प्रश्न : करियर को लेकर किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
जिंदगी में हर पल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अच्छा काम करने की भूख थी, जो अभी भी बाकी है। भगवान पर अगाध विश्वास है, उनकी प्रार्थना से ही मुझे शक्ति मिलती है, लेकिन आज इसका भी तरीका लोगों ने बदल दिया है।
प्रश्न : फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने में परिवार का कितना सहयोग मिला?
फिल्मी करियर के दस साल पूरे होने पर पिताजी ने कहा कि ये तो बस अभिनेत्री ही बनती, ये मेरा विश्वास था। उनका सपना मैं पूरा कर पाई इसकी आज मुझे खुशी होती है। परिवार के सहयोग के बगैर इस ऊंचाई को छू पाना असंभव था।
प्रश्न : रातों-रात स्टार बनने का कोई शॉर्टकट?
सफलता पाने के लिए मेहनत करनी होती है। इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता। अगर आपमें टेलेंट है तो कोई आपका रास्ता नहीं रोक सकता, लेकिन नहीं अगर ऐसा नहीं है तो कोई स्टार बना भी नहीं सकता।
प्रश्न : कास्टिंग काउच के चक्कर में भविष्य की तलाश कितना सही है?
आज तक मुझे किसी ने कॉफी पिलाने के लिए भी ऑफर नहीं किया। इस इंडस्ट्री में कोई किसी को मजबूर नहीं करता। किसी चीज को पाने की ख्वाहिश अच्छी बात है, लेकिन गलत रास्तों पर जाकर हासिल करना ठीक नहीं।
प्रश्न : कब लगा कि आप स्टार बन गई हैं?
परिणीता फिल्म में काम करने के दौरान कोलकाता के एक मंदिर में पूजा करने गई। इस बीच कई फोटोग्राफर्स आ गए। मैं ठीक से पूजा भी नहीं कर सकी। तब लगा मेरी प्राइवेसी खत्म हो गई है, लेकिन मैं अपना स्टारडम एंज्वाय करती हूं।
प्रश्न : विद्या को क्या पसंद है?
फिल्में देखना, किताब पढऩा पसंद है। माधुरी दीक्षित पसंद हैं। उनकी फिल्म तेजाब का एक, दो, तीन गाने को देखकर फिल्मों में आने का जुनून सवार हुआ। फिल्मों में पुरानी गोलमाल पसंद है। अभिनेत्रियों में रेखाजी,शबाना जी बहुत पसंद हैं। आज की अभिनेत्रियों मे कंगना राणावत का अभिनय अच्छा लगता है। पहनावे में बचपन से मां की नकल करती थी। साड़ी, बिन्दी, खुले बाल औरत की सुन्दरता के मेरे लिए यही मापदंड हैं, बस यही छवि बचपन से दिल में बसी है, इसीलिए साड़ी पहनना बहुत पसंद है।
प्रश्न : क्या छोटे पर्दे पर वापस लौटने का इरादा है?
हां, कुछ ऑफर्स मिले हैं कॉन्सेप्ट क्लियर होने के बाद सोचेंगे।

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