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    चुनाव में वाया औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज... नौकरी व रोजगार की बात कर युवाओं पर फोकस

    औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 एक साथ कई नए एजेंडा को अपने साथ जोड़ रहा। वाया औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज नौकरी व रोजगार की बात कर युवाओं को साधा जाएगा। एनडीए ने यह रोड मैप उपलब्ध करा दिया है कि अगर उनकी सरकार फिर से बिहार की बागडोर संभालती है तो सरकार का फोकस कहां रहेगा।

    By BHUWANESHWAR VATSYAYAN Edited By: Radha Krishna Updated: Thu, 28 Aug 2025 02:39 PM (IST)
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    चुनाव में वाया औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज नौकरी व रोजगार की बात कर युवाओं पर फोकस

    भुवनेश्वर वात्स्यायन,पटना। औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज-2025 एक साथ कई नए एजेंडा को अपने साथ जोड़ रहा। वाया औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज नौकरी व रोजगार की बात कर युवाओं को साधा जाएगा। एनडीए ने यह रोड मैप उपलब्ध करा दिया है कि अगर उनकी सरकार फिर से बिहार की बागडोर संभालती है तो सरकार का फोकस कहां रहेगा।

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    सबसे महत्वपूर्ण यह एजेंडा सीधे-सीधे इस प्रोत्साहन पैकेज से जुड़ा है कि आने वाले पांच वर्षों में एक करोड़ रोजगार व नौकरियां बिहार के युवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार ने यह स्पष्ट किया हुआ है कि इस करोड़ में निजी क्षेत्र में उपलब्ध होने वाले रोजगार व नौकरियों को भी जोड़ा जाएगा। बिहार के बाहर काम कर रहे कामगारों की बात भी इस पैकेज के माध्यम से होगी।

    चुनाव में प्रत्यक्ष तरीके से गूंज रहेगी प्रोत्साहन पैकेज की

    औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज-2025 वैसे सीधे तौर पर बिहार के वोटरों से नहीं जुड़ा पर इसे रोजगार से जोड़कर युवाओं को साधा जा रहा। बात यह हो रही कि बिहार में औद्योगिक इकाईयों की स्थापना से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों तरह के रोजगार व नौकरियों का सृजन होगा। यह एजेंडा नयी उम्मीद के साथ आगे बढ़ाया जा रहा। कहा यह जा रहा कि रोड और बिजली का काम पूरा होने के बाद अब सरकार उद्योग को ही लक्ष्य कर रही।

    जिलों को चिह्नित कर पहली बार निवेश की बात की जा रही

    पूर्व में यह होता था कि औद्याेगिक प्रोत्साहन पैकेज में सरकार सिर्फ इंसेंटिव व सब्सिडी की बात करती थी। पर इस बार जो औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज आया है उसमें जिलों की बात की गयी है। जिलों को ए और बी श्रेणी में बांट दिया गया। ए श्रेणी में वैसे जिलों को शामिल किया गया है जहां औद्योगिक इकाई अपेक्षाकृत कम है या फिर नहीं हैं। ऐसे जिलों में निवेश पर अतिरिक्त सहायता का प्रविधान किया गया है। इस लिहाज से यह उन जिलाें के लोगों के लिए विशेष महत्व का है जो ए श्रेणी में शामिल है। चुनाव में इस एंगल पर बात होगी कि सरकार ने औद्योगिक रूप से पिछड़े जिले के लिए किस तरह की योजना बनायी है।

    बिहार के बाहर काम कर रहे लोगों का भी जिक्र होगा

    हाल ही में विपक्ष ने एक छोटे से रील के माध्यम से यह दिखाया था कि किस तरह से बाहर के राज्य में बिहार के मजदूर काम कर रहे। परेशानी में सरकार को कोसते हुए भी दिखाया गया था। औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज -2025 को केंद्र में रख चुनाव में यह बात होगी कि सरकार किस उदार भाव से बाहर के उद्यमियों को यहां बुला रही। कितने तरह के इंसेंटिव दिए जा रहे।

    सबसे अधिक जोर टेक्सटाइल, लेदर व लाजिस्टिक पर

    उद्योग विभाग का सबसे अधिक जोर टेक्सटाइल, लेदर व लाजिस्टिक सेक्टर पर है। इन क्षेत्रों मे बड़े स्तर पर रोजगार का सृजन होता है। अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध होता है। बिहार के बाहर इन सेक्टर में बिहार के लोग बड़ी संख्या में काम भी कर रहे।