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    Vehicle Checking : बिहार में रूल तोड़ने वाले हो जाएं सावधान, इन तीन जिलों में ऐसे होगी गाड़ियों की चेकिंग; पढ़ें डिटेल

    Updated: Wed, 12 Jun 2024 08:16 PM (IST)

    पटना नालंदा और रोहतास में अब मशीनों से वाहनों की जांच होगी। इन जिलों में जल्द ही मशीनों से लैस परीक्षण स्टेशनों का निर्माण होगा जहां वाहनों की फिटनेस की जांच की जा सकेगी। वर्तमान में अधिसंख्य जिलों में वाहनों की फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली की जाती है। विभागीय जानकारी के अनुसार राज्य के सभी जिलों में स्वचालित परीक्षण स्टेशन खोले जाने की योजना है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में व्यावसायिक वाहनों के फिटनेस की जांच अब आटोमेटिक मशीन से होगी। परिवहन विभाग ने तीन जिलों में स्वचालित परीक्षण स्टेशन (ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग सेंटर) शुरू करने की स्वीकृति दे दी है।

    इनमें पटना, नालंदा और रोहतास शामिल हैं। इन जिलों में जल्द ही मशीनों से लैस परीक्षण स्टेशनों का निर्माण होगा जहां वाहनों की फिटनेस की जांच की जा सकेगी। वर्तमान में अधिसंख्य जिलों में वाहनों की फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली की जाती है।

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    विभागीय जानकारी के अनुसार, राज्य के सभी जिलों में स्वचालित परीक्षण स्टेशन खोले जाने की योजना है। हर जिले में दस परीक्षण केंद्र खोलने का प्रस्ताव है। यह केंद्र निजी क्षेत्र की मदद से चलाए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने निजी क्षेत्रों से आवेदन भी मांगा था।

    स्वचालित परीक्षण स्टेशन खोलने की अनुमति दी जा रही

    सेंटर खोलने के लिए इच्छुक व्यक्ति, कंपनी आदि को राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय में तय शुल्क के साथ आवेदन करना था। इसी आधार पर विभाग के द्वारा अलग-अलग जिलों में स्वचालित परीक्षण स्टेशन खोलने की अनुमति दी जा रही है।

    अनुमति प्राप्त सभी स्टेशनों को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का हर हाल में अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न होने पर केंद्रों को जारी रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र को रद करने की कार्रवाई की जाएगी।

    ऐसे होगा फिटनेस टेस्ट

    स्वचालित परीक्षण स्टेशनों पर वाहनों को सभी तकनीकी पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा। ब्रेक, कलच, स्पीडोमीटर, विंडो ग्लास, हार्न, लाइट, वाइपर आदि का मशीनों से परीक्षण कर प्रमाण-पत्र दिया जाएगा।

    इससे फिट वाहनों के ही सड़क पर दौड़ने की संभावना बढ़ेगी। प्रदूषण तो कम होगा ही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की उम्मीद है।

    विभाग के अनुसार, टेस्टिंग स्टेशन सीसीटीवी से लैस होंगे। प्रवेश और निकास द्वार पर भी कैमरों से नजर रखी जाएगी। जिलों में स्वचालित परीक्षण स्टेशनों की मानीटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी।

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