बिहार में मछली-मटन विवाद का The End? विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी सवाल
बिहार की राजनीति में अब शाकाहारी-मांसाहारी विवाद थमता दिख रहा है। लोकसभा चुनाव 2024 में तेजस्वी यादव के मछली खाने पर विवाद हुआ था। हाल ही में एनडीए की बैठक में मटन परोसा गया हालांकि उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने फलाहार किया। विपक्ष ने इस पर कोई खास टिप्पणी नहीं की है।

राज्य ब्यूरो, पटना। अब राज्य की राजनीति में शाकाहारी-मांसाहारी का विवाद समाप्त हो जाएगा। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नवरात्र में मछली खाने के नाम पर यह विवाद 2024 के लोकसभा चुनाव के समय हुआ था।
विवाद उस समय भी हुआ, जब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद अपने दिल्ली स्थित आवास पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मटन बनाने का प्रशिक्षण दे रहे थे।
एनडीए के कार्यक्रम में परोसा गया मटन
दोनों समय एनडीए के घटक दलों और खासकर भाजपा ने इसकी आलोचना की थी। इसे सनातन के विरुद्ध बताया था। लेकिन, अब एनडीए के कार्यक्रमों में भी सावन में मांसाहार परोसा जाने लगा है।
कुछ दिन पहले सूर्यगढ़ा में केंद्रीय मंत्री एवं जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने अपने समर्थकों को मटन का भोज दिया था। तब विपक्ष ने प्रश्न किया कि सावन के पवित्र महीने में ये क्या परोसा जा रहा है।
सोमवार को एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में भी मटन रोगन जोश परोसा गया। हालांकि, इसे ग्रहण करने वालों की संख्या कम ही थी। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने तो फलाहार ही किया।
विपक्ष की तरफ से नहीं आई टिप्पणी
विपक्ष की ओर से भी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं आई। कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि भोजन हर आदमी का अपना मामला है। इसपर टिप्पणी गैर-जरूरी है।
राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि अब भोजन के नाम पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। क्योंकि विवाद की शुरुआत तो भाजपा की ओर से होती थी।
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