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    Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट का बड़ा फैसला, गिरिराज सिंह बोले- अभी तो दो ही तहखाने खुले हैं...

    Updated: Wed, 31 Jan 2024 07:12 PM (IST)

    Gyanvapi Case ज्ञानवापी मस्जिद मामले में वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को तहखाने में पूजा करने की अनुमति दे दी है। कोर्ट के फैसले के बाद सियासत भी तेज है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय से भाजपा सांसद गिरिराज ने कहा है कि अभी तक सिर्फ दो तहखाने खुले हैं। बाकी भी खुलने दीजिए।

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    ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट का बड़ा फैसला, गिरिराज सिंह बोले- अभी तो दो ही तहखाने खुले हैं...

    डिजिटल डेस्क, पटना। Giriraj Singh On Gyanvapi Case वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मामले में बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। हिंदू पक्ष को अब ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में पूजा करने का अधिकार मिल गया है। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि यह आदेश न्यायाधीश एके विश्वेश ने पारित किया। कोर्ट के फैसले के बाद यूपी से लेकर बिहार तक सियासत तेज है।

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    बेगूसराय से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि ज्ञानवापी में तो अभी दो ही तहखाने खुले हैं। अभी तो और भी बाकी हैं। उन्होंने कहा कि लोग तो वहां पहले भी पूजा कर रहे थे, लेकिन बीच के कालखंडों में इस पर रोक लगी थी।

    '...अब आगे राम की लीला बाकी है'

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वाराणसी कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो कोई नई बात नहीं है। गिरिराज बोले- "मुझसे लोगों ने कहा कि गिरिराज जी राम मंदिर हो गया उसके बाद क्या? तो हमने कहा राम मंदिर हो गया, श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हो गई मोदी जी के नेतृत्व में.. अब आगे राम की लीला बाकी है।"

    'मैं तो अब उनको स्वामी कहता हूं'

    गिरिराज सिंह ने आगे कहा, "मैं तो अब उनको (पीएम मोदी) स्वामी कहता हूं... वो एक ऐसे संत हैं, जिन्होंने 11 दिनों का नियम-कानून माना, जमीन पर सोए और भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की। आज पूरे विश्व में इसकी चर्चा है। अयोध्या तो केवल झांकी है... आगे राम की लीला बाकी है।"

    गौरतलब है कि वाराणसी जिला अदालत ने पिछले साल 21 जुलाई को एएसआई को "विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण" करने का निर्देश दिया था, जिसमें खुदाई भी शामिल है। यहां निर्धारित किया जाना था कि क्या काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद एक मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी। हिंदू पक्ष के मुताबिक, वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से पता चलता है कि मस्जिद पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी।

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