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    वंदे मातरम् के 150 साल: अमित शाह ने छेड़ा राष्ट्रव्यापी अभियान, युवाओं को दिया स्वदेशी अपनाने का संदेश

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 12:58 PM (IST)

    भाजपा ने वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। अमित शाह ने इस अवसर पर स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया और युवाओं से भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश को एकजुट किया। यह अभियान पूरे वर्ष चलेगा और इसमें विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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    वंदे मातरम् गीत के 150 वर्ष पूरे होने पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं अन्य।

    राज्य ब्यूरो, पटना। विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी भाजपा ने शुक्रवार (सात नवंबर) को नया अध्याय जोड़ने की व्यूह रचना घोषित कर दी। मौका था, भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सात नवंबर 2025 से सात नवंबर 2026 तक मनाए जाने वाले एक साल के स्मरणोत्सव का।

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    बिहार भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित भव्य कार्यक्रम में अमित शाह ने आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव तैयारी की नींव भी रख दी। अगले वर्ष यानि मार्च-अप्रैल-2026 में पश्चिम बंगाल का चुनाव संभावित है।

    कार्यक्रम में शाह ने कहा, आज भारतीय चेतना के जागरण का दिवस है। शाह ने शुक्रवार को भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा की, ताकि देश भर में विभिन्न स्थानीय भाषाओं में इस गीत का और अधिक प्रचार किया जा सके।

    यह राष्ट्रव्यापी अभियान पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से मनाया जाएगा, जिसमें कई लोग इस गीत का विभिन्न स्थानीय भाषाओं में अनुवाद भी करेंगे और इसका संदेश फैलाएंगे।


    समारोह में शाह ने कहा कि सात नवम्बर, 1875 को बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने इस गीत को सार्वजनिक किया था, जो आगे चलकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक बन गया। स्वतंत्रता के बाद भी भारत को एक सूत्र में बांधे रखा।

    उन्होंने कहा, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने जो सपने देखे थे, वे पिछले 11 वर्षों में सामूहिक प्रयासों से साकार हुए हैं। आज से हम पूरे वर्ष भर ‘वंदे मंत्र’ के सामूहिक जाप का क्रमिक अभियान प्रारंभ कर रहे हैं।


    शाह ने बताया कि 15 अगस्त, 1947 को सरदार पटेल के अनुरोध पर पंडित ओंकारनाथ ठाकुर ने पूरा गीत गाया था और 24 जनवरी, 1950 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रीय गीत के रूप में स्वीकार किया था।

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    उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर बल दिया है। वंदे मातरम इसी राष्ट्रवाद की प्रेरक शक्ति रही है। आज का दिन स्वदेशी समर्पण दिवस के रूप में मनाने का संकल्प लिया गया है।

    उन्होंने कहा, हम सभी ने निर्णय किया है कि आज का दिन हम स्वदेशी को समर्पित करेंगे।


    कार्यक्रम में स्वदेशी संकल्प पत्र भी पढ़ा गया, जिसमें दैनिक जीवन में विदेशी वस्तुओं के स्थान पर भारतीय उत्पादों के उपयोग, स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन देने, भारतीय भाषाओं के प्रयोग और जनता में स्वदेशी के प्रति जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया गया।


    शाह ने युवाओं एवं बच्चों से स्वदेशी अपनाने की प्रेरणा देने की अपील करते हुए कहा कि वे भारतीय पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता दें।


    उन्होंने घोषणा की कि वंदे मातरम 150 इंटरनेट मीडिया अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत लोग अपनी मातृभाषा में वंदे मातरम लिखकर राष्ट्रीय एकता एवं सांस्कृतिक गौरव का संदेश देंगे।


    भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में आयोजित इस समारोह में वंदे मातरम की सामूहिक वंदना की गई एवं स्वदेशी अभियान की शुरुआत की गई। इससे पहले शाह ने इस संदर्भ में एक्स पर भी पोस्ट किया।


    लिखा यह गीत केवल शब्दों का संग्रह नहीं है बल्कि यह भारत की आत्मा की आवाज है। इसके उपरांत शाह भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम को भी संबोधित किया। शाह ने घोषणा की यह कार्यक्रम पूरे वर्ष आयोजित किया जाएगा।


    शाह ने लिखा अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध वंदे मातरम् ने पूरे देश को एकजुट किया और स्वतंत्रता की चेतना को सशक्त बनाया। साथ ही इस गीत ने क्रांतिकारियों के भीतर मातृभूमि के प्रति अटूट समर्पण, गर्व और बलिदान की भावना को भी जागृत किया।

    इस अभियान में एक डिजिटल पहल भी होगी, जिसका विषय '#VandeMataram150' सोशल मीडिया पर इस्तेमाल किया जाएगा।


    कार्यक्रम में बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ अन्य नेताओं ने समारोह के दौरान 'स्वदेशी संकल्प पत्र' से एक प्रतिज्ञा भी ली।