बिहार में मकान के नक्शे की वैधता दो साल बढ़ी, ऊंचे भवनों में पाइपलाइन से ही करनी होगी गैस आपूर्ति
पहले स्वीकृत नक्शा तीन साल के लिए वैध होता था मगर अब इसकी वैधता पांच साल तक होगी। इसके अलावा 100 से अधिक आवास वाले ऊंचे भवनों के लिए पाइपलाइन से गैस क ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य के शहरी निकायों में बनने वाले मकान के लिए स्वीकृत नक्शे (भवन अनुज्ञा) की वैधता दो साल बढ़ा दी गई है। पहले स्वीकृत नक्शा तीन साल के लिए वैध होता था मगर अब इसकी वैधता पांच साल तक होगी। इसके अलावा 100 से अधिक आवास वाले ऊंचे भवनों के लिए पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति अनिवार्य होगी। बिल्डिंग बायलाज में संशोधन के बाद कई अहम बदलाव हुए हैं। नए बायलाज में एकीकृत टाउनशिप को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशियो भी 3.0 की जगह 3.5 कर दिया गया है। इससे अपेक्षाकृत कम जगह पर ज्यादा ऊंची इमारतें बनाई जा सकेंगी। बहुमंजिली इमारतों के लिए अधिकतम ग्राउंड कवरेज 40 प्रतिशत रखा गया है। अब कम जोखिम वाले छोटे भवनों के लिए पार्किंग मानकों को संशोधित कर कम किया गया है। अब मकान के लिए पार्किंग की गणना बिल्ट अप एरिया से नहीं बल्कि सर्विस एरिया (बिल्ट अप एरिया का अधिकतम 15 प्रतिशत तक) के आधार पर होगी। बिल्ट अप एरिया से घटा कर बचे हुए एरिया के आधार पर शापिंग माल व मल्टीप्लेक्स के लिए 35 प्रतिशत, व्यावसायिक भवन में 30 प्रतिशत और आवासीय भवन में 25 प्रतिशत एरिया पार्किंग के लिए तय होगी।
सुरक्षा दीवार से 15 मीटर तक नहीं बनेंगे नए भवन
गंगा नदी के किनारे बनी शहर सुरक्षा दीवार से शहरी इलाके की ओर भूमि पट्टी में भवन निर्माण के नियमों में भी ढील दी गई है। पहले 200 मीटर दूरी तक की भूमि पट्टी पर निर्माण पर रोक थी जिसे अब घटाकर 15 मीटर तक कर दिया गया है। इस दौरान पहले से बने मकान की मरम्मत या जीर्णोद्धार किया जा सकता है, मगर नए निर्माण की आज्ञा नहीं होगी। गंगा नदी के किनारे निचले तटबंध से शहरी इलाके की ओर यह प्रतिबंध 25 मीटर तक प्रभावी रहेगा। अन्य नदियों के मामले में पहले के 100 मीटर तक लगी रोक को कम करते हुए 30 मीटर तक भूमि-पट्टी को निर्माण के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
सिंगल विंडो सिस्टम का प्रविधान
संशोधित बिल्डिंग बायलाज में सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था सुदृढ़ करने को कहा गया है। इसके माध्यम से भवन योजनाओं से जरूरी अनुमति आदि एक जगह मिल सकेगी। इसके लिए फायर, एयरपोर्ट, इन्वायरमेंट आदि विभागों के बीच समन्वय के लिए ऑनलाइन आवेदन, भुगतान, स्थिति की ट्रैकिंग और एनओसी जारी करने का प्रविधान किया जाएगा।

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