किसी ने खाई नींद की गोली तो कोई शादी से पहले दुल्हन से मिलने पहुंचा कॉलेज... कुछ ऐसी है बिहार के इन प्रमुख नेताओं की लव स्टोरी
Bihar Political Leaders Love Stories आज से वैलेंटाइन वीक की शुरुआत हो चुकी है। कपल्स के लिए ये वीक बेहद खास माना जाता है। वैलेंटाइन वीक 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के साथ खत्म होता है। इस दौरान लोग अपने पार्टनर्स के सामने प्यार का इजहार करते हैं। आज हम बिहार के उन राजनेताओं की बात करेंगे जिनकी लव स्टोरी बेहद खास रही है।
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Political Leaders Love Story आज से वैलेंटाइन वीक (Valentine Week) की शुरुआत हो चुकी है। वैलेंटाइन डे...मतलब कि प्यार का दिन। यह दिन कपल्स के लिए बेहद खास होता है। ऐसा माना जाता है कि प्यार ऊंच नीच और गरीब-अमीर देखकर नहीं होता है। आपने अभी तक लैला-मजनू और सोहनी महिवाल की लव स्टोरी के किस्से सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको लालू-राबड़ी से लेकर कई अन्य बिहार के कुछ प्रमुख नेताओं की लव स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं।
लालू-राबड़ी की प्रेम कहानी
राजद प्रमुख लालू यादव (Lalu Yadav) और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प रही है। हालांकि, दोनों की शादी तो अरेंज मैरिज थी, लेकिन उनका एक-दूसरे के लिए प्यार और एक-दूसरे के लिए सम्मान भी प्यार करने वालों के लिए एक उदाहरण है। कई मौकों पर लालू-राबड़ी (Lalu-Rabri) को एक दूसरे को गुलाब देते हुए देखा गया है।
ऐसा माना जाता है कि लालू कभी भी राबड़ी की सलाह के बिना कोई काम नहीं करते। कई बार उन्हें राबड़ी की जिद के आगे भी झुकना भी पड़ा है। लालू यादव और राबड़ी का प्यार जगजाहिर है। दोनों की शादी को अब 50 साल हो गए हैं। जब उनकी शादी हुई तो 25 साल के लालू और 14 साल की राबड़ी थीं। शादी तो अरेंज थी, लेकिन हंगामा लव मैरेज से भी ज्यादा हुआ।
इसका कारण यह था कि लालू यादव बेहद सधारण परिवार से आते थे और राबड़ी के मायके वालों के पास थोड़ी धन-संपत्ति थी। राबड़ी के घर वाले इस शादी को तैयार नहीं थे। क्योंकि लालू के पास एक-एक पैसे की तंगी थी। घर जो था वो भी झोपड़ी का, लेकिन राबड़ी ने कभी कोई शिकायत नहीं की। लालू अपनी पत्नी राबड़ी के इस व्यवहार के कारण ही उनके दीवाने थे।
पप्पू यादव और रंजीत रंजन की लव स्टोरी
पप्पू यादव (Pappu Yadav) और रंजीत रंजन की लव स्टोरी भी बेहद दिलचस्प है। कहा जाता है कि एक मर्डर के मामले को लेकर जब पप्पू यादव जेल में थे, तभी उन्हें रंजीत से प्यार हुआ था। उन्हें रंजीता को मनाने के लिए काफी दिक्कत झेलनी पड़ी। पप्पू रंजीता की फोटो देखकर कुछ इस कदर फिदा हो गए कि फिर वे सब कुछ भूलकर उनकी महज एक झलक पाने के लिए हर दिन टेनिस कोर्ट पहुंच जाते थे, जहां वो खेला करती थीं।
रंजीता को ये सब पसंद नहीं था। उन्होंने पप्पू यादव को कई बार आने के लिए मना किया। मिलने से रोका और फिर भी नहीं मानने पर कड़े शब्दों में इसका विरोध भी किया। एक बार तो रंजीता ने यहां तक कह दिया कि वे सिख हैं और पप्पू हिंदू। उनके परिवार वाले ऐसा होने नहीं देंगे।
रंजीत रंजन परिवार इस शादी के खिलाफ था, लेकिन पप्पू यादव के परिवार की तरफ से कोई अड़चन नहीं था। वहीं, जब रंजीत को अपने परिवार की ओर से शादी की मंजूरी नहीं मिली तो पप्पू यादव, रंजीत के बहन-बहनोई को मनाने चंडीगढ़ पहुंच गए।
लेकिन यहां भी पप्पू की बात नहीं बनी। पप्पू यादव को निराश होना पड़ा। इसी बीच, उन्हें पता चला कि कांग्रेस नेता एसएस अहलूवालिया इस मामले में उनकी मदद कर सकते हैं। पप्पू यादव उनसे मिलने दिल्ली पहुंच गए और फिर उनसे मदद मांगी।
आखिरकार पप्पू यादव के प्यार की जीत हुई और रंजीत के घरवाले भी शादी को लेकर तेयार हो गए। पप्पू यादव ने अपनी किताब 'द्रोहकाल का पथिक' में अपनी लव स्टोरी का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि कैसे हताश-परेशान होकर उन्होंने एक बार नींद की ढेरों गोलियां खा ली थीं। हालत बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए पीएमसीएच में एडमिट कराया गया था।
सीएम नीतीश कुमार की लव स्टोरी
बिहार के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का भी वैसे तो अरेंज मैरेज हुआ था, लेकिन शादी की कहानी किसी लव स्टोरी से कम नहीं है। नीतीश के बैच मेट्स बताते हैं कि वे अपने कॉलेज के दिनों में काफी चुहलबाज थे। उस जमाने में शादी से पहले होने वाली दुल्हन से मिलने की परंपरा नहीं थी, लेकिन नीतीश शादी से पहले ही अपनी होने वाली पत्नी को देखने के लिए पटना कॉलेज पहुंच गए थे।
यह बात किसी जमाने में नीतीश के बैचमेट रहे उनके दोस्तों ने बताई थी। उन्होंने यह भी बताया कि नीतीश कुमार शादी के लिए बहुत पहले से तैयार थे और उस जमाने में उन्होंने बिना दहेज की ही शादी की थी।
शाहनवाज हुसैन की लव स्टोरी
भाजपा के दिग्गज नेता शाहनवाज हुसैन और रेनू की लव स्टोरी भी काफी इंट्रेस्टिंग है। मुस्लिम होते हुए शाहनावज ने दिल्ली की एक हिंदू लड़की से शादी की है। इनकी शादी के चर्चे आज भी राजनीतिक गलियारों में होते हैं। शाहनवाज को शादी के लिए नौ सालों तक पापड़ बेलने पड़े थे।
बताया जाता है कि साल 1986 में शाहनवाज ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान डीटीसी की बसों से सफर किया करते थे। इस बीच एक दिन उनकी नजर रेनू पर टिक गई, जिनको देखते ही वो फिदा हो गए। लेकिन कुछ ही मिनटों में ही वह कहीं खो गईं। शाहनवाज की नजरें उन्हें लगातार तलाशती रहीं और कुछ दिनों बाद फिर शाहनावज को वह बस में मिल गईं।
शाहनवाज ने रेनू को फॉलो करना शुरू कर दिया। एक दिन रेनू को बस में जगह नहीं मिली तो उन्होंने उन्हें अपनी सीट दे दी। इसी तरह बातचीत शुरू हुई और शाहनवाज एक दिन रेनू के घर पहुंच गए। इस बीच, घरवालों से दोस्ती भी कर ली। बातचीत से घरवालों के इंप्रेस तो कर लिया लेकिन शादी की बात करने में हिचकिचाहट होती थी।
अंत में उन्होंने रेनू को अपने दिल की बात बता दी, लेकिन रेनू उनकी बात सुनते ही भड़क गईं और कहा कि दोनों के धर्म अलग हैं, शादी संभव ही नहीं। यह सुनकर शाहनवाज निराश हो गए लेकिन उन्होंने उससे शादी करने की बात ठान ली थी और वो लगातार कोशिश में लगे रहे।
आखिरकार प्यार को मंजिल मिली और वो लड़की शाहनवाज की जिद के आगे झुक गई और नौ साल की इस प्रेम कहानी में प्यार की जीत हुई और दोनों की शादी हो गई।
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