राज्य ब्यूरो, पटना। जाति आधारित गणना (Bihar Caste Based Survey) के विरोध में राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) ने शनिवार को राजभवन मार्च निकाला। गांधी मैदान से निकाले गए मार्च को दो जगह रोका गया।       
            इसके बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ जाकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जातीय गणना पर सवाल उठाते हुए सुधार होने तक संघर्ष जारी रखने की बात कही।       
  गांधी मैदान से शुरू हुआ राजभवन के लिए मार्च
                  राजभवन मार्च की शुरुआत उपेन्द्र कुशवाहा ने गांधी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की। इसके बाद बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए राजभवन की ओर मार्च किया।           
                   प्रशासन ने सबसे पहले जेपी प्रतिमा गोलंबर पर ही मार्च को रोक दिया, लेकिन कार्यकर्ताओं के सामने उन्हें पीछे हटना पड़ा।           
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 धरने पर बैठे कुशवाहा
                 इसके बाद प्रशासन ने डाकबंगला चौराहे पर घेराबंदी कर मार्च को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद पार्टी नेता उपेन्द्र कुशवाहा सहित तमाम नेतागण धरना पर बैठ गए।           
                 उपेन्द्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जो जातीय आकड़े प्रकाशित किए हैं, वह अव्यावहारिक हैं। यह लालू और नीतीश की अन्य पिछड़ी, अतिपिछड़ी जातियों के खिलाफ गहरी साजिश है।           
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                 इन आकड़ों में सुधार करने की मांग को लेकर ही हमलोग राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने जा रहे हैं। बाद में प्रशासन ने उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व के 15 सदस्यीय शिष्टमंडल को राजभवन में जाने की अनुमति दी।           
                  इसके बाद राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया। प्रतिनिधि मंडल में रमेश कुशवाहा, माधव आनंद, डा. रणविजय सिंह, जीतेन्द्र नाथ पटेल, ई. शम्भुनाथ सिन्हा, फज़ल इमाम मल्लिक, बैजनाथ मेहता, ई. स्मृति कुमुद, सुभाष चंद्रवंशी, अशोक राम, प्रशांत पंकज, हिमांशु पटेल आदि शामिल थे।           
  
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