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    'दाहिने से खाते रहिए.. कभी नीतीश जी ने कहा था', उपेंद्र कुशवाहा की पोस्ट ने बढ़ाई सियासी हलचल

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 12:41 PM (IST)

    बिहार सरकार में मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद उपेंद्र कुशवाहा की सोशल मीडिया पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है। उन्होंने नीतीश कुमार की पुरानी बात याद दिलाते हुए विरोधियों पर तंज कसा है। उनके बेटे को मंत्री बनाए जाने पर परिवारवाद के आरोपों का सामना कर रहे कुशवाहा ने इसे पार्टी के अस्तित्व के लिए जरूरी कदम बताया है।

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    उपेंद्र कुशवाहा ने पोस्ट से कसा तंज। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार में मंत्रिमंडल बंटवारे के बाद से ही रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और NDA के नेता लगातार ट्रोल हो रहे हैं। इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने X पर पोस्ट कर विरोधियों पर तीखा तंज कसा है। इस पोस्ट में सीएम नीतीश कुमार को भी टैग किया गया है। 

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    सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कभी-कभी बड़ों के द्वारा कही गई बातों को याद करना चाहिए। आज‌ न जाने क्यों बड़े भाई नीतीश कुमार की एक पुरानी बात याद आ गई। सोचा आपसे भी शेयर करुं।"

    उन्होंने आगे लिखा, "कभी नीतीश जी ने कहा था - खाना खाते वक्त मक्खियां भन-भनाएंगी। चिन्ता मत कीजिए। बायें हाथ से भगाते रहिए। दाहिने से खाते रहिए।"

    दरअसल, उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को नीतीश सरकार में पंचायती राज विभाग का मंत्री बनाया गया है। खास बात ये है कि वह अभी विधायक भी नहीं हैं। ऐसे में परिवादवाद का विरोध करने वाले एनडीए नेताओं की आलोचना हो रही है। खासकर उपेंद्र कुशवाहा को विपक्षी दल लगातार घेर रहे हैं। 

    अपने पुत्र दीपक प्रकाश के नीतीश मंत्रिमंडल (Nitish Kumar Cabinet) में शामिल होने पर आलोचना झेल रहे राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि पार्टी के भविष्य और अस्तित्व को बचाने के लिए यह एक जरूरी कदम है।

    उन्होंने शुक्रवार को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा, "अगर आपने हमारे निर्णय को परिवारवाद की श्रेणी में रखा है तो मेरी विवशता को समझिए। पार्टी के अस्तित्व व भविष्य को बचाने व बनाए रखने के लिए मेरा यह कदम जरुरी ही नहीं अपरिहार्य था। मैं तमाम कारणों का सार्वजनिक विश्लेषण नहीं कर सकता, लेकिन आप सभी जानते हैं कि पूर्व में पार्टी के विलय जैसा भी अलोकप्रिय और एक तरह से लगभग आत्मघाती निर्णय लेना पड़ा था। जिसकी तीखी आलोचना बिहार भर में हुई।""