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    छपरा में ट्रेन व प्‍लेटफार्म के बीच फंसकर यूपी के युवक की दर्दनाक मौत, गेट पर बैठा था पांव लटकाए

    By Vyas ChandraEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jul 2021 05:47 PM (IST)

    05204 डाउन लखनऊ बरौनी एक्सप्रेस से दवा लाने पटना जा रहे एक युवक की मौत दिघवारा स्‍टेशन पर हो गई। वह ट्रेन और प्‍लेटफार्म के बीच फंसकर कट गया। युवक की पहचान यूपी के देवरिया निवासी युवक के रूप में की गई।

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    ट्रेन और प्‍लेटफार्म के बीच फंसकर युवक की मौत। प्रतीकात्‍मक फोटो

    दिघवारा (सारण), संवाद सूत्र। थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ जाती है। एक बार फिर ऐसा ही हुआ। सोनपुर छपरा रेलखंड के दिघवारा स्टेशन पर ट्रेन में सफर कर रहे यूपी के एक यात्री की मौत प्लेटफार्म एवं ट्रेन के बीच फंस जाने के कारण हो गई। मृतक के पास मिले आधार कार्ड के आधार पर उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के सलेमपुर थाना क्षेत्र के रामपुर अवस्थी धुसवां गांव निवासी रमजान खान के 23 वर्षीय पुत्र नसीम खान के रूप में हुई। स्‍वजन को घटना की जानकारी दी गई। स्‍वजनों ने पुलिस को बताया कि नसीम 05204 डाउन लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस से दवा लाने पटना जा रहा था।

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    दिघवारा स्‍टेशन पर हुआ हादसा 

    बताया जाता है कि ट्रेन बुधवार की अल सुबह जैसे ही दिघवारा स्‍टेशन के प्लेटफार्म पर प्रवेश की तभी गेट पर पैर लटकाकर बैठे नसीम का पैर प्लेटफॉर्म से टकरा गया। इसके बाद वह झटके के साथ ट्रेन व प्लेटफॉर्म के बीच में फंस गया। इस घटना में उसकी दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद जीआरपी दिघवारा के इंचार्ज एसआइ रमेश कुमार सिंह व सोनपुर जीआरपी के एएसआई राजेश कुमार सिंह ने उक्त शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा भेज दिया।  

    मशरक के युवक की मुंबई में मौत 

    मशरक के एक व्यक्ति की मुम्बई में मौत हो गई। मृतक मशरक थाना क्षेत्र अंतर्गत मदारपुर पंचायत के धवरी गोपाल गांव के स्व नग नारायण साह का 45 वर्षीय पुत्र सरोज कुमार साह बताया गया है। वह मुम्बई की एक प्राइवेट कंपनी में सिक्यूरिटी गार्ड का काम करता था। धवरी गोपाल निवासी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि सरोज को सीने में दर्द की शिकायत हुई। वहीं मुम्बई में काम कर रहे उसके भाई स्वामीनाथ साह ने इलाज के लिए सरोज को अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बुधवार को उसका शव गांव लाया गया। शव पहुंचते ही स्वजनों के रोदन क्रंदन से घर में कोहराम मच गया। सरोज के तीन बच्चों में दो पुत्र एवं एक पुत्री है। वह अपनी पत्नी के साथ मुम्बई में काम करता थाा। कोरोना काल में सरोज ने परिवार के सभी लोगों को घर लाया और बाद में अपने भाई स्वामीनाथ साह के साथ मुम्बई गया था।