बिहार में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट, विस अध्यक्ष नहीं देंगे त्यागपत्र; उपाध्यक्ष बोले-पता नहीं अब क्या होगा
Constitutional crisis in Bihar बिहार विधानसभा के स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने त्यागपत्र देने से इंकार कर दिया है। अगर समय रहते सत्ता पक्ष और विपक्ष के ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना । अगर समय रहते सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कोई सम्मानजनक रास्ता नहीं निकला तो बुधवार को बिहार विधानसभा के इतिहास के नए अध्याय की रचना होगी। अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के बावजूद सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा बुधवार की कार्यवाही में आसन पर बैठने का संकेत दे रहे हैं। उधर विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर प्रसाद हजारी कह रहे हैं कि विजय कुमार सिन्हा अगर आसन पर बैठते हैं तो यह असंवैधानिक होगा।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होकर जदयू ने महागठबंधन के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बनाई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई सरकार के प्रति विश्वास मत के लिए बुधवार को विधानसभा की बैठक आहूत है। नियमानुसार 14 दिन पहले ही राजद व भाकपा (माले) के विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जा चुका है। संभवत: यह प्रस्ताव इस मंशा के तहत दिया गया कि विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन से पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा अपना पद छोड़ दें, जो लखीसराय से भाजपा के विधायक हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान साफ कहा कि वे इसलिए त्यागपत्र नहीं देंगे, क्योंकि उनके विरुद्ध पेश अविश्वास प्रस्ताव नोटिस नियम के विरुद्ध है। इस नोटिस में नियम, प्रविधान और संसदीय शिष्टाचार की अनदेखी की गई है। इस प्रस्ताव को वे अपने ऊपर नहीं, बल्कि आसन के प्रति अविश्वास के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि आसन से बंधे होने के कारण असंगत नोटिस को अस्वीकार करना मेरी स्वाभाविक जिम्मेदारी है। उन्होंने नोटिस के तथ्यों पर भी सवाल उठाया। कहा कि कुछ निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण आरोप भी लगाए गए हैं, जो नितांत व्यक्तिगत स्तर के हैं। किसी ठोस तथ्य और तर्क के बिना मेरी कार्यशैली को अलोकतांत्रिक और तानाशाह जैसा बताया गया है। इन तथ्यहीन आरोपों के बीच यदि मैं त्यागपत्र देता हूं तो यह न केवल व्यक्तिगत निष्ठा और आत्मसम्मान के विरुद्ध होगा, बल्कि संसदीय परंपरा पर किए गए आक्षेप पर चुप रहने वाली बात होगी। सिन्हा ने कहा कि वे अविश्वास प्रस्ताव का प्रतिकार कर रहे हैं। त्यागपत्र नहीं देंगे। सदन में बिना भय और द्वंद्व के अपनी बात रखेंगे। उन्होंने यह शेर भी पढ़ा : दांव पर सब कुछ लग गया है, रुक नहीं सकते, टूट सकते हैं, मगर हम झुक नहीं सकते।
महेश्वर हजारी बोले, आसन पर कैसे बैठेंगे
विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने कहा कि सभा अध्यक्ष भाषण में लोकतंत्र की चर्चा करते हैं, लेकिन व्यवहार में उनका आचरण घोर अलोकतांत्रिक है। वे जो कुछ कह और कर रहे हैं, वह नियमावली ही नहीं, संसदीय परंपरा के भी विरुद्ध है। विधानसभा अध्यक्ष के कारण अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न होने जा रहा है। हम नहीं जानते कि विधानसभा में कल क्या होगा?
नियम क्या कहता है
विधानसभा उपाध्यक्ष के अनुसार कार्य संचालन नियमावली में साफ लिखा है कि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के विरुद्ध अगर अविश्वास प्रस्ताव पेश है तो वे आसन पर नहीं बैठेंगे। अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की हालत में उपाध्यक्ष कार्यवाही का संचालन करेंगे। उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पेश है तो अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का संचालन करेंगे। अगर दोनों के विरुद्ध प्रस्ताव है तो किसी तीसरे वरिष्ठ सदस्य को सभा के संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।