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    ब‍िहार के बक्‍सर में है अनोखा आध्‍यात्म‍िक सीताराम बैंक, इसी जगह पाई थी भगवान राम ने शिक्षा

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 02 Feb 2021 10:43 AM (IST)

    Shri Ram in Buxar बिहार के बक्‍सर जिले में है एक अनोखा बैंक जहां जमा होता राम नाम का धन बक्सर के सीताराम बैंक में श्रीराम नाम का खजाना परिपक्वता पर मोक्ष की अवधारणा पांच हजार खाताधारक हर साल टॉप-5 का होता सम्मान

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    बैंक में श्रीराम नाम लिखकर जमा करते हैं श्रद्धालु। जागरण

    बक्सर [रंजीत कुमार पांडेय]। Spiritual Bank in Buxar of Bihar: इस अनूठे बैंक में मिलने वाली राम नाम की पुस्तिका में श्रीराम का नाम लिखकर जमा कीजिए और मोक्ष (concept of salvation) के रास्ते पर बढ़ जाइये। बक्सर (Buxar, Bihar) के खरहाटांड़ (Kharahatand) गांव में स्थापित सीताराम बैंक (Seetaram Bank) में केवल श्रीराम नाम का धन जमा होता है। बैंक के खजाने में जमा श्रीराम का नाम करोड़ों में पहुंच चुका है। राम नाम लिखने के पीछे अवधारणा यह है कि इससे अंतरात्मा के पूर्ण समर्पण और शांति का बोध होता है और सभी इंद्रियां भगवान की सेवा में लग जाती हैं।

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    इस बैंक में नि:शुल्‍क खुलता है खाता

    श्रद्धालु इस बैंक में खाता खुलवाते हैं। निशुल्क खाता खुलवाने पर बैंक से उन्हेंं राम नाम की पुस्तिका दी जाती है, जिसमें खाताधारक एक साल तक श्रीराम का नाम दर्ज करते हैं। बैंक की वर्षगांठ पर खाताधारक श्रीराम लिखी पुस्तिका यहां जमा करते हैं। खाताधारकों की संख्या पांच हजार से ऊपर हो चुकी है। केवल गांव ही नहीं, जिले के अन्य प्रखंडों के रामभक्तों ने खाता खुलवा रखा है। खाता खुलवाने के लिए आचार-विचार संबंधित नियमों को मानना पड़ता है।

    हर साल सम्‍मानित किए जाते टॉप फाइव खाता धारक

    अन्य बैंकों की तरह यहां पर कई काउंटर बने हुए हैं, एक काउंटर पर निशुल्क राम नामरूपी पुस्तिका का वितरण होता है, तो दूसरे पर रामनाम का धन जमा होता है। तीसरे काउंटर पर श्रद्धालुओं को राम नाम के खाते से संबंधित जानकारी दी जाती है। बैंक के कोष में धन की जगह श्रद्धालुओं के लिखे गए बीस-बीस लाख रामधन सुरक्षित हैं। हर वर्ष 12 दिसंबर को श्रद्धालुओं द्वारा लिखित एक साल की राम नाम की पूंजी जमा होती है। बैंक प्रबंधन द्वारा प्रतिवर्ष टॉप फाइव श्रद्धालुओं को सम्मानित किया जाता है।

    2018 में हुई थी सीताराम बैंक की स्थापना

    बैंक से जुड़े राहुल रंजन ओझा ने बताया कि अयोध्या की तर्ज पर सीताराम लेखन बैंक की शुरुआत 52 वर्षीय समाजसेवी उमेश कुमार श्रीवास्तव ने 12 दिसंबर 2018 को की थी। प्रत्येक वर्ष इस दिन धूमधाम के साथ सीताराम लेखन बैंक की वर्षगांठ मनाई जाती है। उद्देश्य हर खाताधारी से उसके मानव जीवन को सफल बनाने के लिए 84 लाख बार राम का नाम लिखवाना है।

    लाल स्याही से लिखा जाता श्रीराम

    पासबुक में भगवान राम का नाम लाल स्याही से लिखा जाता है। क्योंकि यह रंग प्रेम का प्रतीक है। बैंक के संस्थापक उमेश श्रीवास्तव ने कहा कि खाताधारक के खाते में भगवान राम का दिव्य नाम जमा होता है। सभी सेवाएं निशुल्क हैं। राम नाम को लिखिता जाप कहा जाता है।

    इन्होंने लिखे 20 लाख राम नाम

    बैंक में 20 लाख बार श्रीराम का नाम लिखकर जमा करने वाले सिमरी के रामसेवक ठाकुर कहते हैं कि आस्था व विश्वास है कि जिस राम नाम की पूंजी को वे जमा करते हैं, उससे इनका यह लोक ही नहीं, परलोक भी सुधरेगा।

    बक्‍सर में ही श्रीराम ने हासिल की थी शिक्षा

    ऐसी मान्‍यता है कि भगवान श्रीराम ने बक्‍सर में मुनि विश्‍वाम‍ित्र से शिक्षा प्राप्‍त की थी। बक्‍सर में ही श्रीराम ने ताड़का राक्षसी का वध किया था। यहीं से राम-लक्ष्‍मण राजा जनक द्वारा आयोजित स्‍वयंवर में भाग लेने के लिए रवाना हुए थे। मुनि का आश्रम बक्‍सर में ही गंगा के तीर पर था, जिस जगह को अब रामरेखा घाट कहा जाता है। यहां सालोंभर गंगा स्‍नान के लिए आसपास के चार से छह जिलों के लोग आते हैं। यहां चंपारण और नेपाल के कुछ हिस्‍सों के लोग हर साल पिंडदान करने भी पहुंचते हैं।

    अयोध्‍या में श्रीराम का मंदिर बनने से काफी खुश हैं बक्‍सर के लोग

    बक्‍सर के लोगों का भगवान श्रीराम से भावनात्‍मक जुड़ाव है। अयोध्‍या में भगवान की जन्‍मभूमि पर विशाल मंदिर का निर्माण शुरू होने से यहां के लोगों में काफी खुशी है। बक्‍सर, हिंदूओं के लिए महत्‍वपूर्ण काशी से काफी नजदीक है। यहां सालोंभर गंगा स्‍नान और मेलों की वजह से इसे मिनी काशी भी कहा जाता है।

    पटना या बनारस से पहुंच सकते हैं बक्‍सर

    बक्‍सर, दिल्‍ली-हावड़ा मेन लाइन पर पंडित दीनदयाल जंक्‍शन और पटना जंक्‍शन के बीच एक महत्‍वपूर्ण स्‍टेशन है। यहां प्राय: सभी ट्रेनों का ठहराव है। हवाई मार्ग से यात्रा के लिए वाराणसी और पटना नजदीकी एयरपोर्ट हैं। इन दोनों जगहों से बक्‍सर की दूरी लगभग बराबर ही करीब 120 किलोमीटर पड़ती है।