बिहार में बढ़ी बेरोजगारी; हरियाणा, राजस्थान और झारखंड से फिर भी बेहतर स्थिति
बिहार में सितंबर की तुलना में रोजगार के अवसरों में कमी आई है। फिर भी खनिज संपदा से पूर्ण झारखंड की तुलना में यहां रोजगार के अवसर अधिक हैं। इसी अवधि में झारखंड में यह दर 18. 1 प्रतिशत आंकी गई है।

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में सितंबर की तुलना में रोजगार के अवसरों में कमी आई है। फिर भी खनिज संपदा से पूर्ण झारखंड की तुलना में यहां रोजगार के अवसर अधिक हैं। सेंटर फार मानिटररिंग आफ इंडियन इकोनामी की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि बिहार में अक्टूबर महीने में बेरोजगारी की दर 13.9 प्रतिशत रही। यह अक्टूबर की तुलना में तीन प्रतिशत से अधिक है। इसी अवधि में झारखंड में यह दर 18. 1 प्रतिशत आंकी गई है। लेकिन, देश के अन्य राज्यों में इसी अवधि में हुई बेरोजगारी दर में वृद्धि की तुलना करें तो बिहार की स्थिति अधिक निराशाजनक नहीं है। अक्टूबर महीने का अध्ययन बताता है कि बेरोजगारी के मामले में हरियाणा (30.7)और राजस्थान (29.6) पहले और दूसरे नम्बर पर रहे।
जम्मू और कश्मीर में बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत रही। आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडू, तेलंगना, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड जैसे राज्यों में अक्टूबर महीने में बेरोजगारी दर छह प्रतिशत के नीचे रही। ओडीसा की उपलब्धि उल्लेखनीय है। इस राज्य में बेरोजगारी दर सबसे कम 1.1 प्रतिशत आंकी गई। 1.9 प्रतिशत बेरोजगारी दर के साथ मध्य प्रदेश बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में दूसरे नंबर पर रहा। बिहार के अलावा दिल्ली, गोवा, पंजाब और सिक्किम ऐसे राज्य हैं, जिनमें बेरोजगारी दर 10 से 15 प्रतिशत के बीच रही।
साल भर उतार-चढ़ाव का दौर
इस साल फरवरी से अबतक बिहार की बेरोजगारी दर में उतार-चढ़ाव होता रहा है। जनवरी में यह 10.5 प्रतिशत था। फरवरी में बढ़कर 11.5 प्रतिशत हो गया। मार्च में जब कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी, राज्य में बेरोजगारी का आंकड़ा 14.6 प्रतिशत पर पहुंच गया। 11.5 प्रतिशत के साथ अप्रैल में थोड़ा सुधार हुआ। मई में यह 13.8 प्रतिशत पर पहुंच गया। जून में करीब तीन प्रतिशत की कमी आई। जुलाई और अगस्त में फिर यह 13 प्रतिशत पर आ गया। सितंबर में बेरोजगारी दर में कमी आई। उस महीने यह 10 प्रतिशत थी।
गांव में अधिक अवसर
यह आश्चर्यजनक है कि मामूली ही सही शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर अधिक हैं। नवम्बर के पहले सप्ताह में देश का औसत बेरोजगारी दर 7.3 प्रतिशत आंका गया है। इसमें शहरी बेरोजगारी दर 7.4 और ग्रामीण 7. 3 प्रतिशत है। बेरोजगारी दर का निर्धारण इस आधार पर होता है कि सौ लोग अगर काम की मांग कर रहे हैं तो उनमें से कितने लोगों को यह मिल पाता है।
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