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    Bihar: दो सौ साल पुराने रजिस्ट्री के कागजात मिलेंगे आनलाइन, 1995 से पहले के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन शुरू

    बिहार में अब मकान फ्लैट या जमीन रजिस्ट्री के सालों पुराने कागजात आसानी से आनलाइन देख सकेंगे। विभाग ने 1995 से पहले के दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल अभी से लेकर वर्ष 1995 तक के दस्तावेज के डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है।

    By Jagran NewsEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Wed, 07 Dec 2022 07:47 AM (IST)
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    Bihar: दो सौ साल पुराने रजिस्ट्री के कागजात मिलेंगे आनलाइन, 1995 से पहले के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन शुरू

    पटना, राज्य ब्यूरो। अगर आपने 30, 40 या 50 साल पहले अपने मकान, फ्लैट या जमीन का निबंधन कराया है, तो उसके कागजात भी जल्द आनलाइन देख सकेंगे। निबंधन विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। विभाग ने 1995 से पहले के दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन का काम शुरू कर दिया है। फिलहाल अभी से लेकर वर्ष 1995 तक के दस्तावेज के डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है, जिसे आनलाइन देखा जा सकता है। इसके लिए राज्य सरकार की वेबसाइट भूमि जानकारी डाट काम पर निबंधन वर्ष, नाम, पिता का नाम, खाता खेसरा आदि डालकर आनलाइन जानकारी पाई जा सकती है।

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    वर्ष 1995 से अब तक के दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा

    निबंधन विभाग के महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि राज्य में पहला निबंधन 1791 ई. में पटना में हुआ था। हमारा लक्ष्य 200 साल पुराने तक सभी दस्तावेज को डिजिटाइज करने का है। इसके लिए चयनित एजेंसी ने राज्य के 31 जिलों में निबंधित दस्तावेज के स्कैनिंग का काम शुरू कर दिया है। अब 1995 से पहले के दस्तावेज को डिजिटाइज किया जा रहा है। इसी तरह धीरे-धीरे सभी पुराने दस्तावेज के डिजिटाइजेशन का काम किया जाएगा। राज्य में पिछले कुछ सालों से हर साल 10 से 11 लाख दस्तावेजों का निबंधन हो रहा है। वर्ष 1995 से लेकर अभी तक करीब सवा करोड़ से अधिक दस्तावेजों का डिजिटाइजेशन हो चुका है।

    निबंधन से 4300 करोड़ रुपये का मिला राजस्व

    राज्य में जमीन, फ्लैट व अन्य दस्तावेज के निबंधन से सिर्फ इस साल 4300 करोड़ का राजस्व सरकार को मिला है। इस वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 5500 करोड़ है, जबकि दिसंबर के पहले सप्ताह तक लक्ष्य का 80 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है। मार्च तक लक्ष्य से अधिक छह हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। निबंधन आइजी ने बताया कि हर दिन करीब 60 प्रतिशत यानी साढ़े पांच हजार निबंधन बिना किसी बाहरी मदद के माडल डीड से हो रहे हैं। पिछले एक साल में करीब दो लाख 45 हजार से अधिक दस्तावेज का निबंधन माडल डीड के जरिए किया गया है। आमलोगों की सुविधा के लिए विभाग की वेबसाइट पर 25 प्रकार के माडल डीड का प्रारूप प्रदर्शित है।