Patna News: सुबह खुशी-खुशी दोनों बेटियां निकलीं थीं घर से, शाम में शव पहुंचने से मचा कोहराम
दानापुर में दो सगी बहनों की ट्रेन हादसे में मौत हो गई। दोनों मुजफ्फरपुर ड्यूटी के लिए निकली थीं। पिता शंकर साह ने बताया कि बारिश के कारण वे सोमवार सुबह रवाना हुई थीं। बड़ी बेटी स्वाती केनरा बैंक में और सुरभी महाराष्ट्रा बैंक में कार्यरत थीं। शनिवार को ही वे घर आई थीं। भगवानपुर ओवरब्रिज के पास उतरते समय हादसा हुआ। परिवार में मातम छा गया।

संवाद सूत्र, दानापुर। सोमवार की सुबह, खुशी-खुशी अपनी ड्यूटी पर मुजफ्फरपुर जाने के लिए घर से निकली दो सगी बहनों का शव 12 घंटे बाद घर पहुंचा, जिससे पूरे परिवार में कोहराम मच गया। नवादा से घर पहुंची सुरभी अपनी बहनों के शव को देखकर चित्कार कर उठी, जबकि उनकी मां सवीता और पिता शंकर साह का हाल बेहाल था। शव के साथ पहुंचे दादा इंद्रदेव साह और नाना राम प्रवेश साह भी शोक में डूबे रहे।
पिता शंकर साह ने बताया कि रविवार को दोनों बहनें स्वाती और सुरूची मुजफ्फरपुर जाने वाली थीं। वर्षा के कारण सोमवार की सुबह करीब पांच बजे दोनों बहनें घर से निकलीं और दीघा से ट्रेन पकड़ी। करीब साढ़े आठ बजे स्वजन को दुर्घटना में मौत की खबर मिली। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह अचानक घर से चित्कार की आवाज आई, जिससे घटना की जानकारी मिली।
शंकर साह, जो दियारा के कासिमचक उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षक हैं, ने बताया कि उनकी बड़ी बेटी स्वाती केनरा बैंक में कार्यरत थी, जबकि सुरभी नवादा में महाराष्ट्रा बैंक में काम कर रही थी। सुरभी और उसकी जुड़वां बहन सुरूची दोनों पीओ हैं। बेटा शुभम भोपाल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। स्वाती की शादी 25 नवंबर को मधुबनी के पियूष से हुई थी, जो डिफेंस में दिल्ली में पोस्टेड हैं।
सोमवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे शंकर साह को फोन पर सूचना मिली कि उनकी दोनों बेटियों की मौत हो गई है। यह सुनते ही वे चित्कार मार कर रो पड़े। स्थानीय लोगों के अनुसार, सभी बहनों का व्यवहार बहुत अच्छा था और वे अक्सर त्योहारों पर घर आती थीं। शनिवार को सभी बहनें घर आई थीं।
सुरभी नवादा के लिए सुबह करीब साढ़े चार बजे निकली थी, जबकि स्वाती और सुरूची मुजफ्फरपुर के लिए साढ़े पांच बजे निकली थीं। पिता ने बताया कि घटनास्थल से किसी ने फोन पर बताया कि भगवानपुर ओवरब्रिज के निकट दोनों ट्रेन से उतरते समय एक हादसे का शिकार हो गईं।
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