मां सरस्वती की प्रतिमा में हर वस्तु का अपना महत्व, आइए जानें
आज पूरे देश में धूमधाम से माता सरस्वती पूजा की पूजा की जा रही है। सरस्वती ज्ञान की देवी हैं और उनकी प्रतिमा में हर चीज का अपना खास महत्व है, जानिए क्या हैं...
पटना [जेएनएन]। आज मां सरस्वती की पूजा है। माता की प्रतिमा में हर वस्तु का अपना महत्व है। सभी प्रतीक आपके जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। ये आपको आगे बढऩे के लिए प्रेरित करते हैं। आइए जानते हैं।
श्वेत वस्त्र - माता हमेशा श्वेत वस्त्र धारण करती हैं। श्वेत रंग शांति और सादगी का प्रतीक माना जाता है। विद्या अध्ययन करने वाले लोगों को शांति और सादगी की जरूरत होती है।
हंस - मां सरस्वती का वाहन हंस जो कि सफेद होता है। दूध और पानी को अलग करने की शक्ति हंस में होती है। यह प्रतीक हमें सही और गलत में फर्क करना बताता है और सही मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है।
कमल - मां सरस्वती को कमल बहुत पंसद है। कमल कीचड़ में भले ही पैदा हो लेकिन वह बेदाग होता है। तमाम परिस्थितियों में रहने के बावजूद कमल हमें अपनी छवि को बेदाग बनाने के लिए प्रेरित करता है।
वीणा - मां के हाथ में वीणा होती है। जो हमें कला के प्रति जागरूक करती है। इंसान के अंदर अगर कला का बीज अंकुरित हो जाए तो वह कभी भी गलत कार्यो के प्रति आसक्त नहीं होता।
स्फटिक की माला - मां के हाथ में स्फटिक की माला होती है। माला एकाग्रता और ध्यान का प्रतीक मानी जाती है। विद्यार्थियों को एकाग्रता और ध्यान के लिए स्फटिक की माला पहननी चाहिए।
पुस्तक - मां शारदे को ज्ञान की देवी कहा जाता है। उनके हाथ में पुस्तक जीवन में संदेश देता है कि बिना ज्ञान के जीवन में कुछ नहीं। पुस्तकों से प्रेम करने और उनका सम्मान करना जरूरी होता है। ज्ञानी व्यक्ति ही राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करता है।