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    कभी यहां थे हजार से अधिक तालाब, अब ढूंढ़ने पर भी नहीं दिखते

    By Ravi RanjanEdited By:
    Updated: Sat, 09 Jun 2018 07:36 PM (IST)

    पटना कभी तालाबों का शहर हुआ करता था। यहां एक हजार से अधिक तालाब थे। लेकिन अब ढ़ूढ़ने पर भी दिखाई नहीं देते। हर जगह गगनचुंबी इमारतें बन चुकी है।

    कभी यहां थे हजार से अधिक तालाब, अब ढूंढ़ने पर भी नहीं दिखते

    पटना [जितेन्द्र कुमार]। पूरे विश्‍व में जल संकट की स्थिति पैदा हो रही है। कई देशों के कुछ शहरों की आबादी पानी न होने की वजह से पलायन कर रही है। आज यदि जल संरक्षण के प्रति लोग जागरूक न हुए तो वह दिन दूर नहीं, जब बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ेगा। आज हम आपका उस शहर की कहानी बता रहे हैं, जहां कभी हजार से ज्‍यादा तालाब हुआ करता था, लेकिन आज ढ़ूंढ़ने पर भी नहीं दिखता। वह शहर है बिहार की राजधानी पटना।

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    पटना कभी तालाबों का शहर था। सरकारी दस्तावेजों में 1005 तालाबों का जिक्र है, मगर जमीन पर आधे से अधिक गायब हो चुके हैं। पहले पटना के हर लगभग हर मोहल्ले में एक बड़ा तालाब था जो इसकी खूबसूरती तो बढ़ाता ही था, जल भी संचय करता। फिर शहरीकरण का दौर शुरू हुआ और पटना के तालाब एक-एक कर गायब होने लगे। तालाबों की जगह गगनचुंबी इमारतों ने ले ली।

    फुलवारीशरीफ में करीब 35 एकड़ के तालाब को भरकर एम्स का निर्माण करा दिया गया। तारामंडल, नेताजी सुभाष पार्क, इको पार्क, दरोगा प्रसाद राय रोड में विधायक आवास, खाद्य निगम कार्यालय, बिस्कोमान कॉलोनी, रेलवे सेंट्रल अस्पताल, संदलपुर सहित कतिपय कॉलोनी शहर के बीच तालाबों को भर कर बस गई। शहर के बीच कुछ तालाब बचे हैं, जो संकट में हैं। कच्ची तालाब, सचिवालय तालाब, मानिकचंद तालाब और अदालतगंज तालाब हैं, लेकिन विलुप्त होने का संकट बरकरार है। 

    कभी 74 एकड़ में था गोनसागर तालाब

    अशोक राजपथ और कंकड़बाग पुराना बाइपास के बीच सैदपुर और संदलपुर गांव के बीच करीब 74 एकड़ का जलाशय हुआ करता था। इसका गोनसागर तालाब के नाम से सरकारी दस्तावेज में उल्लेख मिलता है। इसमें सिंघाड़ा (पानी फल) की खेती होती थी। मछली पालन होता था। शहरी विकास में इस तालाब के आसपास लोगों ने पहले झोपड़ी बनाई फिर कॉलोनी बसा ली। 

    18 एकड़ तालाब पर बसी बहादुरपुर कॉलोनी

    न्यू बाईपास स्थित नंदलाल छपरा गांव के निकट पांच एकड़ का तालाब था। इस तालाब के आसपास अब गोदाम बन गए हैं। इसके नजदीक ही बहादुरपुर गांव में करीब 18 एकड़ का तालाब था। बहादुरपुर हाउसिंग कॉलोनी बसने के साथ ही यह तालाब दफन हो गया।

    कुम्हरार में सरकारी भवन

    कुम्हरार में करीब पांच एकड़ का तालाब मत्स्य विभाग के रिकार्ड में हैं। पहले तो निजी लोगों ने इसमें कूड़ा भरा। फिर झोपड़ी और मवेशी बांधने लगे। जब कब्जे में आया तो पक्का घर बनाने लगे। अब यह जगह सदर अंचल कार्यालय भवन निर्माण के लिए सरकार ने ले ली है।

    बेउर तालाब बना कूड़ा डंपिंग यार्ड

    बेउर तालाब को नगर निगम कूड़ा डंपिंग यार्ड बना दिया गया है। तालाब से होकर एक आइटीआइ संस्थान के लिए रास्ता का निर्माण चल रहा है। मत्स्य विभाग को इस आशय की शिकायत भी मिली है लेकिन रोकथाम का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है।

    गर्दिश में अदालतगंज तालाब

    पटना में तालाबों की दुर्दशा देखनी हो तो अदालतगंज चलिए। अदालत के कर्मियों के बसने के कारण इलाके को अदालतगंज कहा गया। पटना-गया रोड जिसे बुद्ध मार्ग कहते हैं उसके किनारे बड़ा सा तालाब था जिसे अदालतगंज तालाब कहा जाता है। बाद में यह तालाब बिहार सरकार के मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के लिए राजस्व का स्रोत बन गया। हर साल मछली पालन के लिए बंदोबस्ती होती थी। अब तालाब अतिक्रमण का शिकार है। गंदगी पसरी है, सो अलग।

    मानिक चंद तालाब में भी पसरी गंदगी

    132 वर्षों पूर्व कोलकाता के एक प्रमुख व्यवसायी मानिकचंद घूमते हुए पटना के अनिसाबाद गांव पहुंचे थे। आसपास के लोगों को पानी की किल्लत से जूझते देख उन्होंने 1890 में अनिसाबाद मोड़ पर साढ़े दस एकड़ जमीन खरीदकर तालाब व शिव मंदिर का निर्माण कराया। आजादी के बाद 1952 में मानिकचंद तालाब व मंदिर की देखरेख के लिए एक कमेटी बनाई गई। तालाब का पक्कीकरण किया गया। लगभग चार एकड़ में बने मानिकचंद तालाब में 12 घाट बनाए गए हैं। आस्था के फूल और पूजन-हवन सामग्री तालाब में विसर्जन के कारण इसके वजूद पर संकट कायम हो गया है।

    तालाब पर बनी प्रमुख इमारतें

    एम्स, सैदपुर हॉस्टल, तारामंडल, रेलवे अस्पताल, सुभाष पार्क,

    इन तालाबों की स्थिति दयनीय

    सोनावां       - जलकुंभी व कचरा

    हीरानंदपुर     - जीर्णोद्धार जरूरी

    महमदपुर     - जीर्णोद्धार की जरूरत

    अदालतगंज -लोकसेवकों का कब्जा

    बहादुरपुर - दो एकड़ अवशेष

    नगला    - मंदिर और घर निर्माण

    कच्ची तालाब - अतिक्रमण जारी

    मानिकचंद तालाब - गंदगी का ढेर

    पटना में तालाब की स्थिति

    प्रखंड             संख्या

    अथमलगोला      - 8

    बख्तियारपुर      - 51

    बिहटा           - 70

    बिक्रम           - 31

    दानापुर          - 71

    दनियावां        - 33

    धनरूआ        - 58

    दुल्हिनबाजार    - 39

    फतुहा          - 40

    खुसरूपुर       - 31

    मनेर            - 40

    मसौढ़ी         - 79

    नौबतपुर        - 63

    पालीगंज       - 73

    पंडारक         - 40

    फुलवारीशरीफ  - 72

    पुनपुन          - 59

    संपतचक       - 32