राजस्व महा अभियान के शिविरों जमाबंदी में सुधार के आवेदनों की भरमार, सबसे अधिक 90188 आवेदन औरंगाबाद से
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 15 सितंबर तक सभी पात्र परिवारों को जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। राजस्व महा अभियान के तहत रैयत शिविरों में जमाबंदी पंजी की प्रति के लिए आवेदन कर रहे हैं। इस अभियान में जमाबंदी में सुधार ऑनलाइन पंजीकरण और नामांतरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने 15 सितम्बर तक सभी पात्र परिवारों को जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने सोमवार को बताया कि राजस्व महा अभियान के तहत मौजा स्तर पर जमाबंदी की प्रति, आवेदन प्रपत्र और पंफलेट उपलब्ध कराया जा रहा है।
रैयत जमाबंदी पंजी की प्रति के हिसाब से आवेदन शिविरों में जमा कर रहे हैं। शिविर 20 सितंबर तक रहेगा। आवेदन जमा करते ही मोबाइल पर ओटीपी आ जाता है। आवेदन रजिस्टर्ड हो जाता है। आवेदन पर हो रही कार्रवाई की सूचना मिलती रहती है। उन्होंने कहा कि शिविर में आने वाले सभी रैयतों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
महा अभियान के दौरान जमाबंदी पंजी की गलतियों में सुधार, छूटी हुई जमाबंदी को आनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 19 अगस्त से आठ सितंबर तक सभी 38 जिलों में 7514 शिविर लगाए गए। कुल 12 लाख 902 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें जमाबंदी में सुधार के आवेदनों की संख्या सर्वाधिक 913230 है। आफलाइन जमाबंदी को आनलाइन करने के आवेदनों की संख्या 169973, उत्तराधिकार नामांतरण के आवेदनों की संख्या 63049 एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदनों की संख्या 54650 है।
सबसे अधिक 90188 आवेदन औरंगाबाद में आए। दूसरे नंबर पर अररिया है। यहां आवेदनों की संख्या 88900 है। पटना में अबतक 70794 आवेदन आए। गया, मधुबनी, सुपौल, दरभंगा, नालंदा, गोपालगंज एवं समस्तीपुर आवेदन के मामले में टाप टेन में शामिल हैं। शेष जिलों में भी आवेदन आने की संख्या संतोषजनक है।
- राज्य में कुल जमाबंदी तीन करोड़ 60 लाख के करीब है। दो करोड़ 80 लाख 19 हजार 394 (77.86) जमाबंदी की प्रति का वितरण हो चुका है।
- जमाबंदी पंजी वितरण में इन जिलों की उपलब्धि अच्छी है: जहानाबाद (92.40%), सीतामढ़ी (91.96%) और शिवहर (90.91%) मुजफ्फरपुर (90.52%), कैमूर (89.23%), खगड़िया(88.59%), अररिया (88.55%), बक्सर (86.95%), वैशाली (86.83%) एवं मधेपुरा (86.24%)।
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