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Bihar Crime: जिसे ढूंढ रही थी पुलिस वो अचानक पहुंचा थाना, बोला- पत्नी ने कर दिया है खेल

Bihar Crime बिहार के बेगूसराय में जिसे पुलिस ढूंढ रही थी वो अचानक से थाना पहुंच गया। उसने कहा कि मेरी अपहरण की कहानी झूठी है। उसने पुलिस को जो सच्चाई बताई उसे जानकार वर्दी वाले भी हैरान रह गए।

By JagranEdited By: Rahul KumarPublished: Wed, 28 Sep 2022 04:49 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 04:49 PM (IST)
Bihar Crime: जिसे ढूंढ रही थी पुलिस वो अचानक पहुंचा थाना, बोला- पत्नी ने कर दिया है खेल
बेगूसराय में पति के अपहरण की पत्नी ने रची झूठी कहानी। सांकेतिक तस्वीर

संवाद सूत्र, खोदावंदपुर (बेगूसराय)। बिहार के बेगूसराय में पत्नी ने पति के अपहरण का मामला दर्ज कराया। प्राथमिकी के बाद पुलिस खोजबीन में जुट गई। लेकिन एक दिन अचानक अपहृत थाना पहुंच गया। पुलिस के सामने उसने पत्नी की जो सच्चाई बताई उसे सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई।

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थाने में अपहृत ने बताई पूरी सच्चाई

दौलतपुर पंचायत के वार्ड पांच निवासी अपहृत रामकुमार पासवान ने बुधवार को खोदावंदपुर थाना की पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। कांड के अनुसंधानकर्ता के समक्ष 164 के तहत दिए गए बयान में उन्हाेंने कहा कि पड़ोसी दौलतपुर के सरपंच भोला पासवान एवं अन्य लोग निर्दोष हैं। मंझौल कोर्ट से वे परिवार को बगैर बताए स्वयं ही तीर्थ करने के लिए चले गए। तीर्थ से वापस अपनी बहन के यहां दिल्ली पहुंचे। वहां वे डेंगू से पीड़ित हो गए और इलाज करा रहे थे।

पत्नी ने किया अपहरण का झूठा केस

रामकुमार पासवान के मुताबिक जब वो दिल्ली में थे तो इनको जानकारी मिली कि उनकी पत्नी ने सरपंच भोला पासवान एवं अन्य के विरुद्ध हमारे अपहरण का झूठा मुकदमा कर दिया है। इस बात की जानकारी और तबीयत ठीक होने के बाद तत्काल अपने गांव पहुंचे और सीधे थाना आए। रामकुमार ने पुलिस को सारी सच्चाई बताई और कि इस मामले में सरपंच और अन्य आरोपित निर्दोष हैं। मेरा किसी ने अपहरण नहीं किया था। अनुसंधानकर्ता एसआइ अर्चना झा द्वारा अपहृत रामकुमार पासवान को 164 के तहत बयान दर्ज करवाने के लिए न्यायालय में ले गईं। 

पांच सितंबर को पत्नी ने दर्ज कराया था केस

बताते चलें कि रामकुमार पासवान की पत्नी माला कुमारी ने विगत दिनों थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि विगत पांच सितंबर को उनके पति रामकुमार केस की पैरवी करने मंझौल कोर्ट गए थे, लेकिन वे घर नहीं लौटे। बयान से सरपंच भोला पासवान एवं अन्य आरोपितों ने राहत का सांस ली। इस बात की पुष्टि करते हुए अनुसंधानकर्ता अर्चना झा ने बताया कि कांड का सभी दारोमदार न्यायालय में दिए गए बयान पर निर्भर करता है।


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