बिहार में पटरी से उतर गई वामिस की नई प्रणाली, अब भवन निर्माण के इस अफसर पर होगी कार्रवाई
Bihar News बिहार में वामिस (वर्क्स एंड मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम) की नई प्रणाली पटरी से उतर गई है। जिसके बाद अब भवन निर्माण के विशेष सचिव के खिलाफ का ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना । तामझाम से शुरू वामिस (वर्क्स एंड मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम) प्रणाली स्थगित हुई तो उन सुस्त अधिकारियों की खोज भी हो रही है, जिनके चलते यह नौबत आई। प्रणाली की शुरुआत इस इरादे से हुई थी कि अब सरकार के कार्य विभाग के सभी टेंडर और लेनदेन इसी से होंगे। यह एक अप्रैल से शुरू होने वाली थी, तैयारी पूरी न होने के नाम पर एक जुलाई से प्रभावी हुई। लेकिन, महीने भर के भीतर कार्य विभागों में कोहराम मच गया। निर्माण एजेंसियां रोने लगीं कि उनके बिलों का समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। शिकायतों के अंबार को देख कर वित्त विभाग ने इस प्रणाली को स्थगित कर दिया है। कमियों को दूर करने के बाद इसे अगले वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 2023 से लागू किया जाएगा।
वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने सरकार के नौ कार्य विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को पत्र लिख कर वामिस प्रणाली के स्थगन की जानकारी दी है। उन्होंने इस प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए नेतृत्व नामित अधिकारी के खिलाफ समुचित कार्रवाई की सिफारिश की है। ये भवन निर्माण विभाग के विशेष सचिव मनीष कुमार हैं। सिद्धार्थ के पत्र में कहा गया है कि मनीष कुमार को तत्काल नेतृत्व की भूमिका से अलग किया जाए।
महीनों तक चला था प्रशिक्षण
प्रणाली को लागू करने से पहले महीनों प्रशिक्षण दिया गया। इसके लिए सभी विभागों के प्रतिनिधि नामित हुए। इन्होंने प्रशिक्षण में तो मुस्तैदी से हिस्सा लिया, लेकिन ढंग से सीख नहीं पाए। इन प्रतिनिधियों को अपने विभाग के उन लोगों को भी प्रशिक्षित करना था, जिन्हें टेंडर जारी करने से लेकर बिल बनाने तक की जवाबदेही थी। ये प्रतिनिधि खुद नहीं सीख पाए थे, सो सहयोगियों को भी प्रणाली के तकनीकी पक्ष के बारे में नहीं बता पाए। सिद्धार्थ के पत्र के मुताबिक अभी जिस तरह से यह प्रणाली चल रही थी, उससे बिहार लोक निर्माण संहिता के उल्लंघन का खतरा था।
एकमुश्त रिपोर्ट दे विभाग
अपर मुख्य सचिव ने सभी कार्य विभागों को कहा है कि वह वामिस प्रणाली की समीक्षा कर खामियों के बारे में एकमुश्त रिपोर्ट दे। आगे के लिए सक्षम लोगों को इस प्रणाली से जोडऩे का सुझाव दिया गया है। कहा गया है-विभागीय नोडल पदाधिकारी के रूप में वैसे ही व्यक्ति को नामित किया जाए, जिन्हें कार्य विभाग की सामान्य प्रक्रिया एवं क्षेत्रीय स्तर पर कार्य संचालन के बारे में पूर्ण जानकारी हो। पत्र के मुताबिक लीड रोल में रहे मनीष कुमार के अलावा क्षेत्रीय अधिकारियों की भूमिका की जांच की भी जांच की जाए, जिनके कारण यह प्रणाली सुचारू रूप से नहीं चल पाई।

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