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    यूपी के शहर आगरा से शुरू हुआ था बिहार रेजिमेंट का सफर, 79 वर्षों में पराक्रम और शहादत से गौरवशाली अतीत

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sun, 31 Oct 2021 11:30 AM (IST)

    Foundation Day of Bihar Regiment Center Danapur अदम्य साहस और वीरता का प्रतीक है बिहार रेजिमेंट यूपी के शहर आगरा में हुई थी स्‍थापना बिहार को गौरवान्‍व‍ित करता है शानदार अतीत एक नवंबर 1945 को बिहार रेजीमेंट को हुई थी स्थापना

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    दानापुर बीआरसी के 79 साल पूरे। जागरण

    दानापुर (पटना), बृज बिहारी मिश्रा। Bihar Regiment Foundation Day: बिहार के सैनिकों का इतिहास काफी पुराना एवं प्रेरणादायक रहा है। एक नवंबर 1945 को आगरा में लेफ्टीनेंट कर्नल आरसी म्यूरलर ने बिहार रेजीमेंट की स्थापना की थी। इस रेजिमेंट का 79 वर्षों से निरंतर देश की सेवा का इतिहास रहा है। 15 सितंबर 1941 को अंग्रेजी सेना के मेजर जे. आरएच ट्वीड (मेडल आफ ब्रिटिश एक्सीलेंस मिलिट्री क्रास) के द्वारा प्रथम बिहार बटालियन का गठन किया गया था। बिहार रेजिमेंट केंद्र की स्‍थापना उत्‍तर प्रदेश के आगरा में हुई थी। स्थापना के बाद इसे बिहार के गया और फिर 1949 में गया से दानापुर स्थानांतरित किया गया था।

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    द्वितीय विश्‍व युद्ध में बिहारी जवानों ने दिखाया था पराक्रम

    भारतीय सेना के इतिहास में बिहार रेजिमेंट के योद्धाओं की बहादुरी, वीरता एवं विजेता रहने की निशानी स्वर्णाक्षरों में अंकित है। द्वितीय विश्व युद्ध, 1971 के बांग्लादेश की आजादी में मुक्ति सेना बनकर वीर बिहारी जवानों ने परचम लहराया था। सोमालिया में सयुंक्त राष्ट्र को शांति सेना के रूप में जवानों ने शौर्य और पराक्रम में वीरता का पताका लहराया है।

    कारगिल में भी बिहार रेजिमेंट ने पेश की वीरता की मिसाल

    वर्ष 1999 में कारगिल में बिहार रेजिमेंट के जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में अदम्य साहस व वीरता को दर्शाते हुए पाक सैनिकों को मार गिराया एवं भारतीय तिरंगा लहराया था। इसमें रेजिमेंट के एक मेजर समेत 19 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। उरी सेक्टर में वर्ष 2016 में घुसपैठियों और आतंकवादियों से 15 जांबाज जवानों ने लोहा लेते हुए प्राणों की आहूति दी। रेजिमेंट के जवानों ने जरूरत पड़ने पर देश की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा राहत कार्यों में अग्रणी रह कर देश के नागरिकों की सेवा की है। गलवान में 17 जून 2020 को जवानों ने एक नया अध्याय जोड़ा। विकट परिस्थितियों में अदम्य साहस व वीरता का परिचय देते हुए चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया और अपना बलिदान देते हुए चीनी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे।   

    बहादुरी व वीरता के लिए बिहार रेजीमेंट को मिले कई सम्मान   

    बिहार रेजिमेंट की बहादुरी वीरता एवं शौर्य को देखते हुए रेजिमेंट को अब तक तीन अशोक चक्र, तीन महावीर चक्र, छह परम विशिष्ट सेवा मेडल, 13 कीर्ति चक्र, 16 वीर चक्र और 47 शौर्य चक्र, 11 अति विशिष्ट सेवा मेडल, सात युद्ध सेवा मेडल, 191 सेना मेडल, 38 विशिष्ट सेवा मेडल, तीन जीवन रक्षक पदक, चार सीडीएस प्रशस्ति पत्र, 434 सीओएएस प्रशस्ति पत्र और 471 जीआसी इन सी प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा रेजिमेंट को तीन युद्ध सम्मान एवं तीन थिएटर सम्मान से सम्मानित किया गया है।