हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा पाए पाँच आरोपितों को हाई कोर्ट ने किया बरी
पटना हाईकोर्ट ने रोहतास जिले के बुढ़वल गांव हत्या कांड में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने उम्रकैद की सजा काट रहे पांच आरोपियों को बरी कर दिया है। मामला 2005 में बृज बिहारी सिंह की हत्या से जुड़ा था। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपियों को रिहा करने का आदेश दिया। बचाव पक्ष ने आरोपों को राजनीतिक विद्वेष का परिणाम बताया था।

विधि संवाददाता, पटना। पटना हाईकोर्ट ने रोहतास जिले के चर्चित बुढ़वल गांव हत्या कांड मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए उम्रकैद की सजा पाये पांच आरोपितों को बरी कर दिया। मामला काराकाट थाना कांड संख्या-94/2005 से जुड़ा है। आरोप था कि 31 अगस्त 2005 की शाम बृज बिहारी सिंह अपने घर से निकले थे, तभी गांव के ही कुछ लोगों ने लाठी-डंडा और फरसा से हमला कर उनकी हत्या कर दी। मृतक के भतीजे रजनीश कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस अनुसंधान के बाद छह अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दायर किया गया। ट्रायल में एक अभियुक्त पप्पू सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था, जबकि शेष पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। न्यायाधीश राजीव रंजन प्रसाद एवं न्यायाधीश सौरेन्द्र पाण्डेय की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत का फैसला पलटते हुए अभियुक्त दामोदर सिंह, नागेंद्र दुबे, अजय सिंह, मधुवन सिंह और मुन्ना सिंह के तत्काल रिहाई का आदेश दिया।
अपील पर सुनवाई के दौरान अभियुक्तों की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा तथा अधिवक्ता उमेश नारायण दुबे एवं प्रतीक मिश्रा ने दलील दी कि साक्षियों ने न तो घटनास्थल का सटीक विवरण दिया और न ही हत्या के हथियार के बारे में कोई ठोस गवाही सामने आई।
बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि आरोप राजनीतिक विद्वेष का परिणाम हैं। खंडपीठ ने स्पष्ट कहा कि अभियोजन पक्ष ठोस एवं विश्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत करने में असफल रहा है, जिसके चलते पांचों अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया जाता है।
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