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    पूरी तरह असंगत और बेतुका है RJD का आरोप; बिहार सीईओ ऑफ‍िस ने क्‍यों कह दी ये बात?

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 18 Nov 2025 07:19 PM (IST)

    बिहार सीईओ कार्यालय ने आरजेडी के आरोपों को बेतुका बताया है। कार्यालय का कहना है कि अगर आरजेडी को कोई आपत्ति थी तो उन्होंने पहले क्यों नहीं जताई। अब आरोप लगाना निराधार है।

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    सीईओ कार्यालय ने जारी की प्रेस विज्ञप्‍त‍ि। सांकेतिक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। RJD के उस आरोप को मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के कार्यालय ने निराधार और असंगत करार दिया है, जिसमें प्रत्येक ईवीएम में पहले से ही 25000 वोट लोड होने की आशंका प्रकट की गई थी।

    Bihar Chunav परिणाम के बाद राजद विधायक दल के नेता के चयन के दौरान सोमवार को यह आरोप पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगदानंद सिंह ने लगाया था।

    मंगलवार को सीईओ कार्यालय द्वारा प्रेस-नोट जारी कर कहा गया कि जगदानंद जो कह रहे, वह तकनीकी रूप से संभव ही नहीं।

    जगदानंद अपने ही सच का खंडन कर रहे

    ऐसा कहकर जगदानंद वस्तुत: राजद के पोलिंग एजेंट के हस्तारित दस्तावेज का खंडन कर रहे। मतदान के दौरान राजद के किसी पोलिंग एजेंट द्वारा किसी बूथ पर भी कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई।

    फैक्ट-चेक के जरिये सीईओ कार्यालय द्वारा बताया गया है कि मतदान से पहले सभी प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट के सामने ईवीएम चेक होता है कि उसमें दर्ज वोट की संख्या जीरो है या नहीं।

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    उसके बाद वे सभी माॅक पोल (Mock Poll) का हिस्सा बनते हैं, जिसमें हर एजेंट कुछ वोट डालकर चेक करता है कि मत सही प्रत्याशी के सामने दर्ज हो रहा है या नहीं।

    माॅक पोल के बाद ईवीएम को वापस जीरो कर देते हैं और पोलिंग एजेंट माॅक पोल के प्रमाण-पत्र पर हस्ताक्षर करते हैं कि मशीन दुरुस्त है। उसके बाद मतदान शुरू होता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ।

    आयोग ने ईवीएम मशीन के रैंडम आवंटन, सीलिंग, वितरण, मतदान, स्ट्रांग रूम में वापस लाने और सीलिंग के दौरान प्रत्याशियों के एजेंट की उपस्थिति का उल्लेख किया है।

    कहा है कि यह सारा काम सीसीटीवी की निगरानी में होता है। उसके बाद फार्म 17-सी पर हस्ताक्षर होता है। इस बार राजद के किसी एजेंट द्वारा ईवीएम का सील टूटे होने या दूसरी कोई शिकायत-आपत्ति दर्ज नहीं कराई गई। 

    जगदानंद का क्‍या था आरोप

    चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई, इसलिए धरातल पर भारी समर्थन के बावजूद राजद हार गया। हर ईवीएम में 25 हजार वोट पहले से लोड था और तब भी राजद के 25 विधायक जीत गए। यह सौभाग्य की बात है।