सारण में अवैध गतिविधियों पर अंकुश के लिए प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया गया
सारण में अवैध बालू परिवहन और भंडारण की शिकायत पर रिविलगंज के थानाध्यक्ष सुजीत कुमार को लापरवाही के आरोप में लाइन हाजिर किया गया है। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की जांच में बालू के अवैध परिवहन की पुष्टि हुई जिसके बाद वरीय पुलिस अधीक्षक ने डीआईजी से कार्रवाई की अनुशंसा की।

जागरण संवाददाता, छपरा(सारण)। अवैध बालू परिवहन और भंडारण की शिकायत पर सारण पुलिस प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। रिविलगंज थाना क्षेत्र के थानाध्यक्ष सुजीत कुमार को लापरवाही और विभागीय अनुशासनहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर-01) की जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि रिविलगंज थाना क्षेत्र में अवैध रूप से बालू का परिवहन और भंडारण किया जा रहा था, लेकिन संबंधित थाना प्रभारी ने इस पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की।
इसे गंभीर कर्तव्यहीनता और लापरवाही मानते हुए वरीय पुलिस अधीक्षक, सारण डा. कुमार आशीष द्वारा थानाध्यक्ष सुजीत कुमार के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए सारण क्षेत्र के डीआईजी से अनुशंसा की गई थी। उस अनुशंसा के बाद डीआइजी ने थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया है। 6 अक्टूबर से लाइन हाजिर करने का आदेश जारी किया गया है।
इस संबंध में वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय, सारण से जारी आदेश में कहा गया है कि थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है कि वे सात दिनों के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। वहीं, मामले में आगे की कार्रवाई स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद की जाएगी।
आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस कार्रवाई की सूचना सारण क्षेत्र के पुलिस उप-महानिरीक्षक और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है। वरीय पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि विभागीय अनुशासन के विरुद्ध किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि स्थानीय स्तर पर अवैध बालू कारोबार पर अंकुश लगाने में थानाध्यक्ष की भूमिका संतोषजनक नहीं रही। यही वजह रही कि विभाग ने कठोर कदम उठाते हुए उन्हें लाइन हाजिर करने का निर्णय लिया।
सारण पुलिस प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि जिले में अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए सख्त निगरानी रखी जाएगी और यदि किसी भी अधिकारी या कर्मी की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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