Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: अब पुलिस और डॉक्टरों को गवाही के लिए कोर्ट जाने की जरूरत नहीं, अगले महीने तक शुरू होगी नई सेवा

    Updated: Sat, 16 Aug 2025 07:50 PM (IST)

    बिहार में लंबित मुकदमों को तेजी से निपटाने के लिए डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों की गवाही ऑनलाइन कराने की तैयारी है। इसके लिए मेडलीप एप बनाया जा रहा है जिससे पोस्टमार्टम और इंज्यूरी रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टरों की गवाही हो सकेगी। पुलिसकर्मियों के लिए भी ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जा रही है।

    Hero Image
    अब पुलिस और डॉक्टरों को गवाही के लिए कोर्ट जानें की जरूरत नहीं

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में लंबित पड़े मुकदमों का तेजी से ट्रायल कराकर निष्पादन कराने के लिए डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों की ऑनलाइन गवाही की तैयारी की जा रही है। इसके लिए मेडलीप एप विकसित किया जा रहा है।

    इस एप की मदद से खासतौर से पोस्टमार्टम या किसी मुकदमे में इंज्यूरी रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टरों की गवाही की व्यवस्था हो सकेगी। इसी तरह पुलिसकर्मियों की गवाही के लिए भी ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था बहाल की जा रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, मुकदमों के जल्द निष्पादन के लिए गवाहों की उपिस्थति पर फोकस किया जा रहा है। मुकदमे की तारीख पर डॉक्टरों की पेशी महत्वपूर्ण होती है। उन्हें कोर्ट तक आने में कोई परेशानी नहीं हो, इसका ध्यान रखते हुए यह खास एप विकसित किया गया है।

    केस से जुड़े संबंधित जांच पदाधिकारियों को भी इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया है कि हर हाल में गवाहों की उपस्थिति निर्धारित समय पर कोर्ट के समक्ष हो सके।

    अगले महीने से शुरू हो सकती है सेवा

    पुलिस मुख्यालय के अनुसार, मेडलीप पीआर एप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अगले एक माह में इसके शुरू हो जाने की संभावना है। गवाही देने वाले डाक्टर या मेडिकल अधिकारी को जिस मुकदमे में उपस्थित होना होगा, उन्हें इस एप से जोड़ दिया जाएगा।

    इसके लिए उन्हें कुछ दिन पहले की केस में उपस्थित होने की तारीख और समय की जानकारी दे दी जाएगी। वह इसी एप पर लॉग-इन करके सीधे विधायी प्रक्रिया से जुड़ सकते हैं और गवाही की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इससे केस को तय समय में निपटारा करने में सहूलियत होगी।

    इसी तरह पुलिसकर्मियों को भी कोर्ट में उपस्थित होकर हर हाल में गवाही देना अनिवार्य कर दिया गया है। उनकी गवाही के लिए 2007 में ही एक खास तरह का पोर्टल विकसित किया गया था। अब इस पोर्टल को फिर से पूरी तरह से सक्रिय किया जा रहा है।

    जिन पुलिसकर्मियों की तैनाती संबंधित कोर्ट से दूर-दराज के स्थान पर होगी, उनकी कोर्ट में गवाही इस पोर्टल के जरिए ही हो सकेगी। मेडलीप एप के साथ ही इस पोर्टल को भी पूरी तरह सक्रिय करने की योजना पर काम चल रहा है।

    कोर्ट में पुलिसकर्मियों और डॉक्टरों की गवाही सुनिश्चित कराने पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है। इससे केस को जल्द निपटाने में सहूलियत होगी और लंबित मामलों का निपटारा जल्द हो सकेगा। केसों में गवाही तेज होने से दोषियों को सजा दिलाने में भी तेजी आएगी। - विनय कुमार,डीजीपी, बिहार पुलिस