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    मानहानि नोटिस के बाद बिहार में और बढ़ी तनातनी, प्रशांत किशोर ने अपनी कमाई बताकर मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Mon, 29 Sep 2025 01:55 PM (IST)

    बिहार के मंत्री अशोक चौधरी पर प्रशांत किशोर ने गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें 200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति का मुद्दा उठाया गया है। प्रशांत किशोर ने यह भी दावा किया है कि अशोक चौधरी ने निविदाओं में कमीशन लिया है। अशोक चौधरी ने इन आरोपों को गलत बताते हुए प्रशांत किशोर को मानहानि का नोटिस भेजा है।

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    मानहानि नोटिस के बाद बिहार में और बढ़ी तनातनी

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बढ़ती सियासी सरगर्मी के बीच प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जन सुराज की फंडिंग को लेकर लग रहे आरोपों का जवाब दिया है। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने बताया कि पैसा कहां से आता है। उन्‍होंने न केवल पार्टी के फंडिंग सोर्स के बारे में बताया, बल्कि खर्च का भी हिसाब-किताब सामने रख दिया।

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    वहीं बिहार के मंत्री अशोक चौधरी पर प्रशांत किशोर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रशांत किशोर का कहना है कि अशोक चौधरी ने अपनी बेटी शांभवी चौधरी की सगाई के बाद 200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति बनाई है, और वे चाहते हैं कि अशोक चौधरी मानहानि का नोटिस वापस लें और जनता के सामने इस संपत्ति के बारे में स्वीकार करें ।

    मानहानि नोटिस वापस नहीं तो होगा नया खुलासा

    प्रशांत किशोर के आरोपों में शामिल है कि अशोक चौधरी ने आठ महीनों में 20 हजार करोड़ रुपये की निविदाओं में 5% कमीशन लिया है, और भुगतान के लिए अलग से 0.5% कमीशन लिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि यह धन इंजीनियरों से आया या उनके यहां "जलाए गए"। प्रशांत किशोर ने चेतावनी दी है कि अगर अशोक चौधरी उनकी मांगें नहीं मानते, तो वह उनके 500 करोड़ रुपये की दूसरी काली कमाई का कच्चा चिट्ठा सार्वजनिक करेंगे।

    बता दें कि अशोक चौधरी ने इन आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया है। उन्होंने प्रशांत किशोर को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है, जिसमें उन्होंने आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि उनकी बेटी शांभवी चौधरी की संपत्ति वैधानिक है और चुनावी शपथ पत्र में इसका उल्लेख है ।

    अशोक चौधरी का कहना है कि प्रशांत किशोर के आरोप उनकी घबराहट और बौखलाहट का नतीजा हैं, और वे केवल गुमराह करने के लिए लगाए गए हैं। अदालत ने प्रशांत किशोर को 17 अक्टूबर 2025 को पेश होने के लिए समन जारी किया है।

    सम्राट नाबालिग बता आए थे जेल से बाहर

    साथ ही कहा कि सम्राट चौधरी हत्या के अभियुक्त हैं। 1995 में तारापुर में कुशवाहा समाज के छह लोगों की हत्या हुई थी। स्कूल का सर्टिफिकेट लगाकर स्वयं को नाबालिग बताए और जेल से बाहर आए। तब उन्होंने स्वयं को 15 वर्ष का बताया था। 2020 में शपथ-पत्र के अनुसार वे तब 26 वर्ष के थे।

    नीतीश कुमार इन्हें अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें, नहीं तो राज्यपाल से मिलकर इनकी गिरफ्तारी की मांग करेंगे। प्रधानमंत्री को कल ही पत्र लिखूंगा। सम्राट सामने आकर अपने अपराध स्वीकार करें कि क्या शिल्पी गौतम दुष्कर्म व हत्याकांड में सीबीआइ ने उन्हें संदिग्ध अभियुक्त के तौर पर नामजद किया था या नहीं। लालू प्रसाद ने अपनी सत्ता की हनक में उस मामले को दबा दिया। उस प्रकरण में लालू के साले साधु यादव मुख्य अभियुक्त थे। 

    यह विवाद बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिसमें प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय, संजय जायसवाल और सम्राट चौधरी पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं ¹ ³।