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    नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हमलावर तेजस्वी-तेजप्रताप को मिला बहन का साथ, कुछ नया बोल गईं लालू की बेटी रोहिणी

    Updated: Fri, 30 May 2025 06:29 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का बिहार दौरा खत्म हो गया है। करीब दो दिन पीएम राज्य में रहे। इस दौरान पूरा विपक्ष हमलावर रहा। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष त ...और पढ़ें

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    लालू प्रसाद यादव के साथ रोहिणी। जागरण आर्काइव।

    राज्य ब्यूरो, पटना। राजद नेता तो गुरुवार से ही आलोचना में लगे थे, शुक्रवार को लालू परिवार भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे को चुनावी करार देने के लिए उद्यत हो गया। तेजस्वी ने एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री 2015 से ही पुरानी योजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन का क्रम दोहरा रहे हैं।

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    चैतन्यता से झूठ के पकड़ में आ जाने का दावा भी

    इसी के साथ तेजस्वी ने बिहारियों की चैतन्यता से झूठ के पकड़ में आ जाने का दावा भी किया। हर छोटे-बड़े मुद्दे पर मात्र एक्स से राजनीति करने वाली रोहिणी आचार्य भी पीछे नहीं रहीं। पटना के रोड-शो को फ्लाप बताते हुए उन्होंने मोदी को परिधानमंत्री की उपमा तक दे डाली।

    बिहार की जनता ने बना ली है झांसेबाजों से दूरी

    आगे लिखती हैं कि बिहार की जनता ने बना ली है झांसेबाजों से दूरी... तमाम तरह के हथकंडों के बावजूद जितनी भीड़ जुटाई जा सकी, उससे ज्यादा तो आदरणीय लालूजी के कट-आउट्स, पोस्टर्स-बैनर्स, होर्डिंग्स को देखने के लिए अमूमन जुट जाती है।

    प्रेम-प्रलाप से इतर तेजप्रताप भी मुखर 

    और तो और, अपने प्रेम-प्रलाप से इतर तेजप्रताप भी मुखर हुए। उन्होंने एक्स पर लिखा, "20 वर्षों की एनडीए सरकार के पास अपने कामकाज का हिसाब देने के लिए कुछ नहीं है। इसीलिए 35 वर्ष पहले बनी सरकार के 15 वर्ष का रोना रोने वाले पहले अपने 20 वर्ष का हिसाब दें।"

    एक्स पर तेजस्वी यादव ने क्या लिखा?

    बिहार में 20 वर्षों की एनडीए सरकार द्वारा दी हुई रिकार्ड तोड़ बेरोजगारी, गरीबी और पलायन है। नीति आयोग के अनुसार शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र में बिहार सबसे फिसड्डी है। विधि-व्यवस्था सबसे बदतर है। बिहार की प्रति व्यक्ति आय और निवेश देश में सबसे कम है।

    अधिसंख्य मानकों में देश में बिहार सबसे नीचे 

    विकास और प्रगति के अधिसंख्य मानकों में देश में बिहार सबसे नीचे है, लेकिन बिहार की 20 वर्षों की एनडीए सरकार और 11 वर्षों की केंद्र सरकार जनहित के इन ज्वलंत मुद्दों पर कभी चर्चा ही नहीं करती और ना ही करना चाहती है।

    शिलान्यास-उद्घाटन कर उसी को बारंबार दोहराते हैं

    प्रधानमंत्रीजी, केवल चुनावी वर्ष में बिहार का दौरा कर 2015 से चलती आ रही परियोजनाओं एवं घोषणाओं का अनेकों बार शिलान्यास और उद्घाटन कर उसी को बारंबार दोहराते रहते हैं। 2015 से यही क्रम चलता आ रहा है। प्रधानमंत्रीजी, यह बिहार है। बिहारी इस तरह के झांसे में नहीं आते! वो अच्छे से जानते है कि कौन कितना झूठ बोल रहा है?