महागठबंधन में फिर खींचतान? कांग्रेस को सिर्फ इतनी सीटें देना चाहते हैं तेजस्वी, अब लालू के पाले में 'गेंद'
लोकसभा चुनाव के साथ सीट शेयरिंग और प्रत्याशियों को मैदान में उतारने को लेकर दोनों ही गठबंधन में माथापच्ची तेज है। दोनों ही गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो गई है। दोनों ही गठबंधन कभी भी इस संबंध में घोषणा कर सकते हैं। इस बीच अंदरखाने से खबर है कि कांग्रेस को बिहार में आठ सीटें मिल सकती हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर शनिवार को बैठक संभावित है। बहुत संभव है कि घटक दलों के लिए सीटों पर अंतिम निर्णय हो जाए। कांग्रेस दस सीटों की अपेक्षा रख रही है, लेकिन लचीले रुख के साथ। अंदरखाने की सूचना के अनुसार उसे छह से आठ सीटें मिल सकती हैं।
पिछली बार वह नौ सीटों पर लड़कर एकमात्र किशनगंज में विजयी रही थी। तब महागठबंधन में उसके अलावा किसी दूसरे घटक दल के लिए जीत का सौभाग्य नहीं बना था।
बहरहाल, दावे के आधार का उल्लेख करते हुए कांग्रेस व वाम दलों ने अपेक्षित सीटों की सूची राजद को पहले ही उपलब्ध करा दी है। बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व राजद ही कर रहा है और उसने गुणा-गणित भी लगा लिया है। कुछ सीटों पर पेच फंस रहा, लेकिन खींचतान की नौबत नहीं बनने वाली।
बैठक में मौजूद रहेंगे राजद सुप्रीमो लालू यादव
बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की उपस्थिति रहेगी। माना जा रहा कि उनके हस्तक्षेप पर कोई ना-नुकुर शायद ही करे। कांग्रेस के एक शीर्षस्थ नेता का कहना है कि गठबंधन वस्तुत: समझौता ही है और समझौते में सभी पक्षों के हित व सुझाव का ध्यान रखना होता है। आइएनडीआइए की एकजुटता के लिए प्रतिबद्ध कांग्रेस सहयोगी दलों की इच्छाओं का सम्मान करेगी।
2019 में इन 8 सीटों पर नंबर-2 रही थी कांग्रेस
पिछली बार कांग्रेस आठ सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। उनमें से वाल्मीकिनगर, मुंगेर, सुपौल, कटिहार और पूर्णिया में उसे जदयू से मात मिली थी। पटना साहिब और सासाराम में भाजपा से, जबकि समस्तीपुर में लोजपा से। उनमें से अधिसंख्य सीटें इस बार भी उसे मिल सकती हैं। इसके अलावा पूर्वी चंपारण और नवादा आदि भी उसकी पसंद में सम्मिलित हैं। नवादा पर अभी तक राजद लड़ता रहा है और इस बार भी वहां उसके कई दावेदार हैं।