तेजस्वी जल्द करेंगे सबूतों के साथ भ्रष्टाचार का खुलासा, नीतीश से पूछा- वादों का पैसा कहां से?
राजद नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि वे जल्द ही भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों की सूची सार्वजनिक करेंगे जिसके लिए उन्होंने पर्याप्त सबूत इकट्ठा किए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है। तेजस्वी ने सरकारी भवनों की सफाई पर 700 करोड़ रुपये के खर्च को लेकर बिहार में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को प्रेस-वार्ता कर कहा कि वे यथाशीघ्र भ्रष्ट मंत्रियों व अधिकारियों की सूची सार्वजनिक करेंगे। साक्ष्य के रूप में काफी तथ्य और ब्यौरा जुटा लिए गए हैं। हमारी लड़ाई भ्रष्ट अधिकारियों से है। एनडीए की सत्ता जाने की आशंका में वैसे अधिकारी जदयू-भाजपा के नेताओं से अधिक डरे हुए हैं, क्योंकि उन्हें बाद में संरक्षण नहीं मिलने वाला।
इसी के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि जिन भ्रष्ट इंजीनियरों और अधिकारियों के यहां हाल-फिलहाल छापेमारी हुई है, उनके विरुद्ध सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों नहीं हो रही। व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि सीबीआई-ईडी को तो राजद नेताओं के पीछे लगाया जाएगा। हालांकि, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।
सरकारी भवनों की साफ-सफाई पर 700 करोड़
तेजस्वी ने आउटसोर्सिंग से सरकारी भवनों की साफ-सफाई पर प्रतिवर्ष 700 करोड़ के खर्च का हवाला देते हुए बिहार में भ्रष्टाचार को संस्थागत बताया। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से गिनाए गए 32 घोटालों का वीडियो दिखाते हुए कहा कि एनडीए सरकार में भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बन रहे।
सरकार को नकलची बताते हुए उन्होंने कहा कि राजद के पास वादों का बड़ा बैक-अप प्लान है। अब चुनावी अधिसूचना जारी होने के बाद ही वे अपने वादे सार्वजनिक करेंगे।
वादों को पूरा करने के लिए राजस्व का स्रोत क्या
डबल इंजन की सरकार द्वारा की जा रही घोषणाओं को तेजस्वी ने बिहार के खजाने पर बोझ बताया और मुख्यमंत्री से पूछा कि वादों को पूरा करने के लिए राजस्व का स्रोत क्या होगा। बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अब तक 708729 करोड़ की घोषणाएं की जा चुकी हैं।
इसके विपरीत चालू वित्तीय वर्ष के लिए बिहार का बजट 3.17 लाख करोड़ रुपये का ही है। अगर अनुपूरक अनुदान की राशि जोड़ दें तो भी सरकार के पास मात्र 3.95 लाख करोड़ रुपये ही हैं। इसमें दो लाख करोड़ से अधिक स्थापना व प्रतिबद्ध मद में खर्च हो जाने हैं। प्रश्न यह कि वादे पूरे कैसे होंगे। विरोधी दल के नेता ही हैसियत से मुझे इसका उत्तर मुख्यमंत्री से ही चाहिए।
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