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    बिहार चुनाव 2025: क्या तेजस्वी यादव दो सीटों से लड़ेंगे चुनाव?

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 12:34 PM (IST)

    महागठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी यादव को फुलपरास विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है। यह वही सीट है जहाँ कर्पूरी ठाकुर ने 1977 में चुनाव लड़ा था। इस क्षेत्र में यादव उम्मीदवारों का दबदबा रहा है। तेजस्वी ने अभी तक सहमति नहीं दी है, लेकिन उनके चुनाव लड़ने से कोसी और सीमांचल की सीटों पर असर पड़ सकता है। महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है।

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    राज्य ब्यूरो, पटना। महागठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष एवं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव दो सीटों से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। उन्हें मधुबनी जिला के फुलपरास विधानसभा क्षेत्र से भी चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है। यह वही विधानसभा क्षेत्र है, जहां 1977 में मुख्यमंत्री बनने के बाद जननायक कर्पूरी ठाकुर चुनाव लड़े थे।तब जनता पार्टी के टिकट पर जीते देवेंद्र प्रसाद यादव ने उनके लिए सीट छोड़ी थी। बाद में देवेंद्र विधान परिषद के सदस्य बने। झंझारपुर से कई बार लोकसभा के सदस्य भी रहे।

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    इसे समाजवादी विचारधारा के नेताओं के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती है। अब तक के 17 विधानसभा चुनावों में सिर्फ चार बार कांग्रेस की जीत हुई है। 10 चुनाव यादव उम्मीदवारों के नाम रहा। इसके अतिरिक्त कर्पूरी ठाकुर एक उप चुनाव जीते थे। हालांकि, अबतक तेजस्वी यादव ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति नहीं दी है।

     

     



    फुलपरास ही क्यों?

    फुलपरास के बारे में बताया जा रहा है कि अगर यहां से तेजस्वी चुनाव लड़ते हैं तो इसका असर कोसी और सीमांचल की विधानसभा सीटों पर पड़ेगा। महागठबंधन के कार्यकर्ता उत्साहित होंगे। इस साल जनवरी में राजद ने फुलपरास में ही कर्पूरी ठाकुर की जन्म तिथि पर बड़े समारोह का आयोजन किया गया था। उसमें तेजस्वी भी शामिल हुए थे। उसी समारोह में तेजस्वी से चुनाव लड़ने का आग्रह किया गया था।

     

     

     

    हालांकि उन्होंने न उस समय और न बाद में अब तक अपनी सहमति दी है।उन्होंने इंकार भी नहीं किया है। उनसे पहले लालू प्रसाद भी एक से अधिक विधानसभा और लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ चुके हैं। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा का ठहराव भी फुलपरास में हुआ था। 2020 के विधानसभा में यह सीट कांग्रेस के हिस्से में थी। कांग्रेस उम्मीदवार कृपानाथ पाठक दूसरे नम्बर पर थे। वैसे, एक राय यह भी आ रही है कि तेजस्वी अगर राघोपुर की अपनी परम्परागत सीट के अलावा फुलपरास से भी चुनाव लड़ते हैं तो इससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

     



    अभी तक निर्णय नहीं


    फुलपरास से तेजस्वी के चुनाव लड़ने की संभावना इसलिए भी जाहिर की जा रही है, क्योंकि महागठबंधन में अबतक यह तय नहीं हुआ है कि यह सीट किसके हिस्से में जाएगी। कांग्रेस अपना दावा छोड़ नहीं रही है। राजद भी अड़ा हुआ है। लेकिन, तेजस्वी अगर यहां से चुनाव लड़़ने को तैयार हो जाएं तो निर्विवाद रूप से यह राजद के हिस्से में चली जाएगी।