Bihar Politics: राहुल के आने से पहले ही तेजस्वी ने लूट ली महफिल, शेखपुरा में राजद का शक्ति प्रदर्शन
तेजस्वी यादव ने वोटर अधिकार यात्रा में राजद के दबदबे को बनाए रखने का प्रयास किया। शेखपुरा में राजद ने महागठबंधन में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। कांग्रेस की कम उपस्थिति और मतदाता पुनरीक्षण जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। राहुल गांधी ने बिहार में बदलाव का आग्रह किया और भाजपा को वोट चोर बताया। गंगा के पानी से फसलें नष्ट होने की समस्या भी सामने आई।

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। एक दिन के विश्राम के बाद गुरुवार को तरोताजा होकर आए तेजस्वी यादव का पूरा प्रयास अपने को 'वोटर अधिकार यात्रा' के फोकस में रखने का रहा। राहुल गांधी की अपराह्न तक की अनुपस्थिति ने इसका शानदार अवसर दे दिया था। यात्रा की विशेष रौनक पूर्वाह्न में रही और संयोग से शुरुआती स्थल (शेखपुरा) राजद के प्रभाव वाला रहा। ऐसे में जुटान और करतब से राजद ने महागठबंधन में अपनी बड़ी हैसियत के दिखावे में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अपनी भाव-भंगिमा और संवाद से तेजस्वी ने इसे और आगे बढ़ाया। सिकंदरा विधानसभा क्षेत्र के पिरंडा तक तो कांग्रेस के झंडे दूज के चांद की तरह ही थे, जो लखीसराय में आकर राजद से होड़ लगाते दिखे। इस स्थिति से खिन्न अधेड़वय रामसकल सिंह भुनभुनाते हुए ढाई हाथ लंबे डंडे में कांग्रेस का झंडा लपेट रहे। व्यवस्था-व्यय हमारा और श्रेय किसी और को। कुरेदने पर कहते हैं कि इन यात्राओं से राहुल के व्यक्तित्व में निखार तो आ रहा, लेकिन बिहार मेंं कांग्रेस के दिन भी लौट आएं, तब तो!
लखीसराय से आगे सूर्यगढ़ा और जमालपुर विधानसभा क्षेत्र तक रामसकल सिंह जैसी चिंता करने वाली एक पूरी जमात है। देवनंदन मिश्र, सरयुग राम आदि तो इस यात्रा के आधार को ही प्रभाव-हीन बता रहे। वे मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को जन-सामान्य का मुद्दा ही नहीं मानते। कहते हैं कि अगर यह मुद्दा है, तो भी इसका सर्वाधिक लाभ राजद ही ले जाएगा।
लोकसभा चुनाव की तरह ही वह जोर आजमाइश कर रही। कांग्रेस पहले की तरह आज भी मुंहदुब्बर है। उनको मलाल होड़ लेने में कमजोरी से था। लेक्चरर के पद से सेवानिवृत्त शशिप्रभा सिंह का कहना है कि अपनी जमीन तो अपनी फसल के लिए तैयार की जाती है। मुंगेर की ओर हाथ उठाए देवनंदन का लहजा व्यंग्यात्मक हो गया है। फसल को तो गंगाजी लील रहीं। वाकई इधर खेत-खलिहान क्या, घरों तक में गंगा का पानी रेलमपेल किए हुए है।
यह यात्रा अभी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रही, जिसके किनारे बस्तियां तो मिश्रित समाज की ही हैं, लेकिन यादव बहुल गांव दूर से ही पहचाने जा सकते हैं। सड़क किनारे बंधे डूब वाले गांवों के मवेशी मुंह लटकाए हुए हैं, जबकि स्थायी ठीहे वाले नाद में नाक डुबोए खा रहे। सड़क किनारे सामान रखने या जानवरों को बांधने पर कार्रवाई की चेतावनी देते हुए पुलिस की एक गाड़ी लगातार दौड़ रही।
उसके निकट आने पर हेमजापुर में हथेली पर तंबाकू मलते दशरथ यादव पिच्च से थूक देते हैं। इसके थोड़ी देर बाद ही यहां पहुंचे राहुल गांधी का आग्रह बिहार में बदलाव का है, भाजपा को वोट चोर बताते हुए। वाहन से ही अभिवादन लेते-देते वे रात्रि विश्राम के लिए आगे बढ़ जाते हैं। अब उस वाहन की अगली सीट पर राहुल गांधी बैठे हैं, जिस पर बैठ पूर्वाह्न की पूरी महफिल तेजस्वी यादव लूट चुके हैं।
सुबह-सकारे शेखपुरा में राजद नेताओं के बीच यह खुसुर-फुसुर चल रही थी कि अपने झंडे आगे और ऊंचे रखने हैं। ऊपर से निर्देश है। इस निर्देश के अनुपालन की होड़ जमालपुर तक दिखी। बताते हैं कि मंगलवार की रात ही पटना में इसकी रणनीति बन गई थी कि तेजस्वी का कद राहुल के समानांतर दिखे। नवादा की भीड़ ने इसके लिए राजद को उत्साहित किया था। शेखपुरा का जुटान उससे कहीं आगे रहा।
इससे उत्साहित तेजस्वी ने खैनी में चूना रगड़ देने वाले संवाद पर कुछ अधिक जोर दिया। उससे पहले उनके ऊपर बुलडोजर से गुलाब की पंखुड़ियां बिखेरी गई थीं। उसी दौरान प्रिंस कुमार और किरण लाल स्नातक के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा देने जा रहे थे। भीड़ उनकी बाइक को आगे जाने नहीं दे रही थी। होशियारी कर उन्होंने लालटेन झाप एक बड़े झंडे का जुगाड़ कर लिया। अब पीं-पीं करते भीड़ को चीरते हुए शान से जा रहे हैं।
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