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    तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार से पूछे चार सवाल, बोले- नीतीश जी बना रहे जमाई आयोग; सियासी हलचल तेज

    Updated: Sun, 15 Jun 2025 08:29 PM (IST)

    तेजस्वी यादव ने अफसरशाही पर हावी होने और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोगों-बोर्डों में चहेते अफसरों और नेताओं के रिश्तेदारों को पद दिए जा रहे हैं। तेजस्वी ने एनडीए पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार और ट्रांसफर-पोस्टिंग के खेल का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से अधिकारियों के रिश्तेदारों को नौकरी और विदेश यात्राओं से जुड़े चार सवाल पूछे।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अफसरशाही के हावी होने और जन-प्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।

    रविवार को प्रेस-वार्ता कर उन्होंने कहा कि इन दिनों गठित हो रहे आयोग-बोर्ड में सरकार के प्रिय अफसरों और राजनेताओं के स्वजनों को पद देकर उपकृत किया जा रहा है। नियम-कानून और नैतिक मूल्य को परे कर नियुक्ति-मनोनयन का खेल चल रहा है।

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    मुझ पर परिवारवादी होने का आरोप लगाने वाले एनडीए के नेताओं ने आखिर क्यों चुप्पी साध ली है? भ्रष्टाचार व उगाही के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चरम पर है।

    तेजस्वी ने कहा कि विभिन्न आयोगों-बोर्डों में एनडीए के घटक दलों के नेताओं के स्वजनों-रिश्तेदारों को पद मिला है। किसी अधिकारी की पत्नी तो किसी के पुत्र को स्थान मिला है। ईमानदारी से जांच हो जाए तो कई अधिकारियों की पोल-पट्टी खुल जाएगी। समय आने पर मैं पर्दाफाश करूंगा।

    एनडीए के एक घटक दल के उच्च पदस्थ पदाधिकारी की दो पुत्रियों को केंद्र सरकार ने एडवोकेट ऑफ रिकॉर्ड का पद दिया है। सरकार की दृष्टि मेंं क्या उनसे योग्य दूसरा वकील नहीं था। इस नियुक्ति के निहितार्थ सहजता से समझे जा सकते हैं।

    वस्तुत: एनडीए नेताओं की मंशा है कि बिहार का अधिकार छिने तो छिने, लेकिन अपने स्वजनों और बच्चों को अवश्य लाभ होना चाहिए।

    कटाक्ष के साथ उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि अधिकारियों-नेताओंं के स्वजनों-रिश्तेदारों के लिए एक स्पेशल अरेंजमेंट कमीशन का गठन कर दें। उन्होंने इसे जमाई आयोग की भी संज्ञा दी। प्रेस-वार्ता में मंगनीलाल मंडल, संजय यादव और एजाज अहमद आदि उपस्थित रहे।

    अधिकारियों से संंबंधित चार प्रश्न 

    सरकार से तेजस्वी ने चार प्रश्न किए। पहला, कितने अधिकारियों की पत्नियों को सरकारी नौकरी दी गई। दूसरा, कितने अधिकारियों के बच्चे सरकारी व्यवस्था पर विदेश गए।

    तीसरा, सरकारी अधिकारियों के कितने स्वजन, सरकारी विभागों में कंसल्टेंट फर्म बनाकर काम कर रहे। चौथा, वे कौन अधिकारी हैं, जिन्होंने प्रापर्टी और विदेश में निवेश किया है।