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    'मैदान छोड़ भाग गए तेजस्वी...' RJD नेता शिवानंद तिवारी के आरोप से चढ़ा बिहार का सियासी पारा

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 09:22 AM (IST)

    Bihar Politics बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर राजद नेता शिवानंद तिवारी ने निशाना साधा है। तिवारी ने कहा कि तेजस्वी ...और पढ़ें

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    आरजेडी विधायक तेजस्वी यादव और आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के उपस्थित न होने पर सत्ता पक्ष हमलावर है। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के वरिष्ठ नेता एवं पूर्वमंत्री शिवानंद तिवारी ने भी तेजस्वी यादव के विदेश जाने पर तंज कसा है।

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    राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे पर एक बार फिर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने मैदान छोड़ दिया है, अगले 5 साल तक विरोधी दल के नेता की भूमिका निभाने की क्षमता उनमें नहीं है।

    शिवानंद तिवारी ने गुरुवार को कहा कि विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान वे गैर हाजिर थे। उन्होंने बताया कि वह दिल्ली गए। उनकी पत्नी एवं बच्ची पहले ही दिल्ली चले गए थे। ऐसी सूचना है कि तेजस्वी अपने परिवार के साथ यूरोप की यात्रा पर निकल गए हैं।

    आरजेडी नेता ने कहा कि बिहार में विरोध की राजनीति का पूरा मैदान खाली है। नीतीश कुमार पांच वर्षों तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, यह भी अभी संदेह के घेरे में है।

    तेजस्वी का सदन से गायब होना गैर जिम्मेदराना हरकत : प्रेम रंजन पटेल

    भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नवगठित विधानसभा के प्रथम सत्र से ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का बिना किसी सूचना के गायब हो जाना यह स्पष्ट संकेत देता है कि विपक्ष न तो सदन की गरिमा के प्रति प्रतिबद्ध है और न ही समस्याओं के समाधान करने की गंभीर इच्छा रखता है।

    जिस समय बिहार के विकास, रोजगार, कृषि, कानून-व्यवस्था एवं बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर ठोस बहस और रचनात्मक सुझावों की आवश्यकता थी, विपक्ष का इस तरह सदन से पलायन करना उनकी जिम्मेदारी से भागने का प्रमाण है।

    विपक्ष की यह गैर-जिम्मेदाराना हरकत उन करोड़ों बिहारवासियों का अपमान है जिन्होंने लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

    सदन से अनुपस्थित रहकर वे यह दिखा रहे हैं कि उन्हें जनता से कोई सरोकार नहीं, उनका लक्ष्य केवल राजनीतिक नाटक करना और सुर्खियां बटोरना है।

    लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष का होना आवश्यक है, परंतु ऐसा विपक्ष जो सदन से ही गायब हो जाए, जनता की आवाज कैसे बनेगा?

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