एसआइआर को वोटबंदी बताते हुए तेजस्वी ने देश के 35 नेताओं को लिखा पत्र
तेजस्वी ने लिखा है कि निर्वाचन आयोग के 16 जुलाई के प्रेस-नोट के अनुसार लगभग 4.5 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं हैं। ये उन चार प्रतिशत लोगों के अतिरिक्त हैं जो संभवतः मर चुके हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं।सर्वोच्च न्यायालय भी एसआइआर के समय को संदिग्ध बता चुका है।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता-सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को वोटबंदी बताते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने देश के 35 बड़े नेताओं को शनिवार को पत्र लिखकर इसके विरुद्ध एकजुटता का आह्वान किया है। उन्होंने लिखा है कि एसआइआर वस्तुत: भाजपा और राजग सरकार के इशारे पर मताधिकार से वंचित करने का षड्यंत्र है। यह लोकतंत्र की नींव हिलाने वाली प्रक्रिया है। यह इसका स्पष्ट संकेत है कि कैसे निर्वाचन आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता में जनता के विश्वास को समाप्त करने पर अड़ी हुई है।
तेजस्वी ने लिखा है कि निर्वाचन आयोग के 16 जुलाई के प्रेस-नोट के अनुसार, लगभग 4.5 प्रतिशत मतदाता अपने पते पर नहीं हैं। ये उन चार प्रतिशत लोगों के अतिरिक्त हैं, जो संभवतः मर चुके हैं या स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं। इस आधार पर अनुमान है कि लगभग 12 से 15 प्रतिशत नागरिकों को मताधिकार से वंचित किया जाएगा। यह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है। सर्वोच्च न्यायालय भी एसआइआर के समय को संदिग्ध बता चुका है।
निर्वाचन आयोग अपने नियम बना और तोड़ रहा है। इससे भी बुरी बात यह है कि पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करने वाले हर व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा। महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के अनुभव अब भी हमारी स्मृतियों में ताजा हैं। अब बिहार की बारी है। इसका कड़े शब्दों में विरोध किया जाना चाहिए, नहीं तो यही दूसरे राज्यों में भी किया जाएगा। इस ऐतिहासिक मोड़ पर हमें पीछे नहीं रहना चाहिए।
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