Patna News: तारेगना में एस्ट्रो टूरिज्म को मिलेगी नई उड़ान, संयुक्त सचिव ने किया निरीक्षण
तारेगना में एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना है। संयुक्त सचिव ने निरीक्षण किया, जिससे पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है। तारेगना, जो कभी आर्यभट्ट से जुड़ा था, अब खगोल विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। स्थानीय अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया ताकि एस्ट्रो टूरिज्म को बढ़ावा मिले।

संवाद सहयोगी, मसौढ़ी। तारेगना में आर्यभट्ट वेधशाला और एस्ट्रो टूरिज्म परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर सोमवार को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव मंजीत कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने तारेगना (मसौढ़ी) में स्थित आर्यभट्ट की जीर्ण-शीर्ण अतिक्रमित वेधशाला के अवशेष स्थल का निरीक्षण किया।
इस दौरान टीम ने पूरे क्षेत्र का भौतिक सत्यापन किया और तारेगना को एस्ट्रो टूरिज्म हब बनाने की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
संयुक्त सचिव ने मौके पर मौजूद सीओ को आर्यभट्ट की अतिक्रमित वेधशाला अवशेष और उसके आसपास के नजरी नक्शा, वहां बसे लोगों के घरों को चिह्नित करने और आसपास के सभी प्लाॅट की विस्तृत जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर भेजने का निर्देश दिया।बताया जाता है कि वहां बसे लोगों को दूसरी जगह जमीन देकर उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी।
इधर सीओ प्रभात रंजन ने बताया कि सोमवार को विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने आर्यभट्ट की पौराणिक कर्मभूमि का स्थलीय निरीक्षण किया है।
उन्होंने कहा कि तारेगना को एक बड़े टूरिज्म पैलेस के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए 50 से 100 एकड़ भूमि की जरूरत होगी और वहां विशाल म्यूजियम, लाइब्रेरी, स्टडी सेंटर व अत्याधुनिक शोध केंद्र बनाया जाएगा। आर्यभट्ट टीला के आसपास भूमि चिह्नित करने का कार्य शुरू हो गया है और शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि पहुंचपथ के चौड़ीकरण और सड़क निर्माण का कार्य अनुमंडल स्तर से आगे बढ़ाया जाएगा।
मौके पर एसडीओ, बीडीओ प्रभाकर कुमार के अलावा आर्यभट्ट चेतना मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. सुनील कुमार गावस्कर, नवल भारती समेत कई गणमान्य लोग मौके पर मौजूद थे।
उनका कहना था कि आर्यभट्ट की ऐतिहासिक कर्मभूमि तारेगना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एस्ट्रो टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बन सकता है जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और क्षेत्र के लिए आर्थिक अवसर बढ़ेंगे।
17 नवंबर को राज्यपाल से मिला था आर्यभट्ट चेतना मंच का प्रतिनिधिमंडल:
बीते 17 नवंबर को अनुमंडल मुख्यालय के तारेगना (मसौढ़ी)में प्रख्यात खगोलविद् आर्यभट्ट की वेधशाला निर्माण की मांग को लेकर आर्यभट्ट चेतना मंच का एक प्रतिनिधिमंडल बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौंपा था।
सौंपे गए ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने तारेगना स्टेशन परिसर में महान गणितज्ञ एवं खगोलविद् आर्यभट्ट की भव्य प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जीवनी प्रदर्शित करने की मांग के साथ ही तारेगना में आर्यभट्ट की वेधशाला निर्माण की मांग की थी और राज्यपाल ने इस दिशा में सकारात्मक पहल करने का आश्वासन उन्हें दिया था।
वर्ष 2009 में पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान चर्चित हुआ था तारेगना में स्थित वेधशाला का अवशेष:वर्ष 2009 में पूर्ण सूर्यग्रहण के मौके पर खगौल विज्ञान को लेकर तारेगना विश्व पटल पर चर्चित हुआ था और उस वक्त पूर्ण सूर्यग्रहण का अवलोकन करने मसौढ़ी पहुंचे सूबे के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारेगना में आर्यभट्ट की वेधशाला निर्माण कराने की घोषणा की थी, लेकिन घोषणा के करीब 2.5 दशक बीत जाने के बाबजूद इस दिशा में अबतक कोई ठोस प्रयास नहीं किया जा सका है।
हालाकि वर्ष 2018 में तत्कालीन सीओ योगेंद्र कुमार ने एस्ट्रो टूरिज्म परिपथ परियोजना के निर्माण के लिए तारेगना के 14 किसानों से करीब 5.54 एकड़ जमीन लीज पर लेकर शोध केंद्र निर्माण का प्रस्ताव जिला को भेजा था।
गौरतलब है कि महान खगोलविद आर्यभट्ट ने तारेगना में ही अपनी स्थापित वेधशाला से तारों की गणना की थी।इसलिए इसका नाम भी तारेगना पङा था।लेकिन समय के साथ उक्त वेधशाला खंडहर में तब्दील हो गई और अब वह अनुसूचित जाति के लोगों का बसेरा बना हुआ है।

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