Sushil Modi : सुशील मोदी बिहार भाजपा के नए 'संकटमोचक', पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर सिर्फ बर्थडे की बधाई है या कोई और संदेश?
बिहार में भारतीय जनता पार्टी और सांसद सुशील मोदी के समर्थकों ने कई पोस्टर लगाए हैं। इनमें सुशील मोदी को भाजपा का संकटमोचक बताया गया है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय और दूसरी सड़कों पर लगे इन पोस्टर की वजह से सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है। वैसे देखा जाए तो इनके माध्यम से मोदी को जन्मदिन की बधाई दी गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार राजग में एक और हनुमान का प्रवेश हो गया है। नए हनुमान बने हैं पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी। पांच जनवरी मोदी की जन्मतिथि है। इससे पहले ही उनके समर्थकों ने भाजपा के प्रदेश कार्यालय और शहर के दूसरे हिस्से में पोस्टर लगाया है।
क्या है पोस्टर में
पोस्टर पर हनुमान की बड़ी आकृति है। उसी के बीच में सुशील मोदी विराजमान हैं। पोस्टर सुशील कुमार मोदी फैंस एसोसिएशन ने जारी किया है।
राजद में रामायण और महाभारत के पात्रों पर पहले भी पोस्टरबाजी होती रही है। लेकिन, भाजपा के किसी नेता के लिए यह पहला प्रयोग है।
वैसे, 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा के चिराग पासवान ने स्वयं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताया था।
हालांकि, उस चुनाव में चिराग की पार्टी लोजपा बुरी तरह पराजित हुई थी। फिर उन्होंने स्वयं को हनुमान बताना छोड़ दिया। सुशील मोदी का हनुमान वाला अवतार एकदम नया है।
उन्हें संकटमोचक बताया गया है। असल में भाजपा और जदयू के कार्यकर्ताओं का एक हिस्सा मानता है कि सुशील मोदी के उप मुख्यमंत्री नहीं बनने के कारण ही बिहार में राजग टूटा।
2005 में पहली बार मोदी उप मुख्यमंत्री बने थे। दूसरी बार 2017-20 के बीच इस पद पर रहे। लेकिन, 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद बनी सरकार में उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया।
अगस्त 2022 में जदयू का राजग से अलगाव हो गया। मोदी पांच जनवरी को 72 वर्ष पूरे कर 73वें में प्रवेश कर रहे हैं।
मोदी अपने समर्थकों-शुभचिंतकों के साथ शुक्रवार को आर ब्लाक स्थित विधान पार्षद आवासीय परिसर में अपराह्न 12.30 बजे केक काटकर जन्मदिन मनाएंगे।
पोस्टर से दी सिर्फ बधाई या कोई और संदेश?
सांसद सुशील मोदी के पोस्टर पटना की सड़कों पर जगह-जगह लगाए गए हैं। इन पोस्टरों की वजह से अब सियासी अटकलें भी तेज हो गई हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि जन्म दिन की बधाई के बहाने कोई और संदेश देने की कोशिश की गई है।
इन पोस्टर में सुशील मोदी को संकटमोचक बताए जाने को साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों और 2025 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
इससे पहले बीते साल 30 दिसंबर को भी पोस्ट लगाकर सुशील मोदी को जन्मदिन की बधाई दी गई थी। मोदी का पोस्टर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर के बगल में लगाया गया था। बता दें कि एनडीए ने बिहार में अभी तक कोई चेहरा घोषित नहीं किया है।
लालू-राबड़ी के घर के बाहर लगे पोस्टर था चर्चा में
इससे पहले राबड़ी देवी और लालू यादव के घर के बाहर लगाए गए पोस्टर चर्चा में आया था। राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह ने लगवाए थे। इस पोस्टर पर लिखे संदेश को सनातन धर्म के अपमान से जोड़कर देखा गया था। यहां पढ़ें पूरी खबर
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