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    BPSC 70th Exam: बीपीएससी मुख्य परीक्षा को लेकर आया बड़ा अपडेट, सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम पर रोक लगाने से किया इनकार

    Updated: Wed, 23 Apr 2025 08:28 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने बीपीएससी की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने के आरोपों को खारिज कर दिया है। बीपीएससी की मुख्य परीक्षा 25 अप्रैल को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पेपर लीक होने के ठोस सबूत नहीं दे पाए। कोर्ट ने हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने की प्रवृत्ति पर भी नाराजगी जताई।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/पटना। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की मुख्य परीक्षा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

    कोर्ट ने प्रारंभिक परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाने वाली याचिकाएं खारिज कर दीं। बीपीएससी की मुख्य परीक्षा शुक्रवार 25 अप्रैल को होनी है।

    ये आदेश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने 70वीं बीपीएससी कंबाइंड कंपटिटिव प्रिलिमिनरी परीक्षा रद करने की मांग वाली याचिकाएं खारिज करते हुए दिये।

    इससे पहले पटना हाई कोर्ट भी याचिका खारिज कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता पेपर लीक होने के आधार पर सभी परीक्षार्थियों के लिए दोबारा परीक्षा कराने के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं पेश कर सके।

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    सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हर परीक्षा को अदालत में चुनौती देने की प्रवृत्ति पर भी नाराजगी जताई और कहा कि इन वजहों से अक्सर भर्ती में देरी होती है क्योंकि प्रक्रिया अदालत में उलझ जाती है।

    इससे पहले याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश देसाई ने दलील दी कि वाट्सअप मैसेज और अन्य डिजिटल सबूत से पता चलता है कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हो गए थे।

    उन्होंने कहा कि ऐसे ही एक वीडियो में कथित तौर पर एक परीक्षा केंद्र पर लाउडस्पीकर के जरिए उत्तर घोषित किए जाते हुए दिखाया गया है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि क्या मोबाइल की अनुमति थी।

    वकील ने कहा कि आधिकारिक तौर पर नहीं थी। जिस पर कोर्ट ने कहा कि तब तो हमें मानना पड़ेगा कि मोबाइल की अनुमति नहीं थी।

    ठोस आधार नहीं दे पा रहे- कोर्ट

    कोर्ट ने कहा कि आप गंभीर आरोप लगा रहे हैं लेकिन ठोस आधार नहीं दे पा रहे। दूसरी तरफ बिहार सरकार और बीपीएससी की ओर से पेश सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने परीक्षा प्रक्रिया की शुचिता की तरफदारी करते हुए कहा कि हमेशा प्रश्नपत्र के चार सेट तैयार किये जाते हैं जिसमें प्रश्न ऊपर नीचे होते हैं ताकि सभी में समानता न रहे।

    इस तरह लाउडस्पीकर के जरिए प्रश्नपत्र बताना संभव नहीं है। मेहता ने को¨चग सेंटर की सामग्री से प्रश्नपत्र में समानता पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि 150 प्रश्नों में सिर्फ दो प्रश्न ऐसे थे जो पूरी तरह समान मिले।

    पीठ ने पेपर लीक के बारे में पेश किये गए डिजिटल साक्ष्यों की सत्यता और दायरे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पेपर लीक के आरोप एक परीक्षा केंद्र बापू परीक्षा परिसर तक ही सीमित हैं, जहां प्रभावित 10000 उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा हो चुकी है।

    कोर्ट ने क्या कहा?

    कोर्ट ने ये भी कहा कि ऐसा लगता है कि कथित पेपर लीक, छात्रों के परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने के बाद हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर दिया है।

    जिसमें से एक याचिकाकर्ता आनंद लीगल एड फोरम भी था। हाई कोर्ट ने भी यह कहते हुए याचिकाएं खारिज कर दीं थीं कि विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर गड़बडि़यों के कोई सटीक साक्ष्य नहीं हैं। 

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