बिहार के इस जिले को सुरसर नदी से मिलेगा शुद्ध पेयजल, 3 अरब रुपये होंगे खर्च; 63 गांवों को होगा फायदा
सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड में भूजल में लौह की मात्रा अधिक होने के कारण सरकार सुरसर नदी के जल को शुद्ध करके पेयजल के रूप में उपलब्ध कराएगी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा 3 अरब 20 करोड़ रुपये की लागत से बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना स्थापित की जाएगी। इससे 63 गांवों के 318 वार्डों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। परियोजना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और पाइपलाइन आदि का निर्माण शामिल है।

राज्य ब्यूरो, पटना। सुपौल जिला अंतर्गत छातापुर प्रखंड के भूजल में लौह की मात्रा अनुमान्य सीमा से अधिक है। ऐसे में सरकार ने सुरसर नदी के जल को शुद्ध कर पेयजल के रूप में आपूर्ति करने का निर्णय लिया है।
इसके लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) द्वारा बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्थापना होनी है। इस पर 3 अरब 20 करोड़ 10 लाख 1 हजार रुपये खर्च होंगे। इस परियोजना से 63 गांवों के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा।
कुल 23 पंचायतों के अंतर्गत आने वाले इन गांवों में 318 वार्ड हैं। पेयजल में लौह की मात्रा प्रति लीटर अधिकतम 0.3 मिलीग्राम तक अनुमान्य है।
पानी को संशोधित कर बनाया जाएगा पेयजल योग्य
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