आसमान से बर्फबारी, धरती पर तनी थीं बंदूकें
आसमान से बर्फ तो धरती पर तनी थीं बंदूकें। पोलैंड बार्डर पर 48 घंटे तक सिर्फ अपमान। लड़कियों को न तो शौचालय जाने दिया जा रहा था और न ही उन्हें बैठने। बात-बात पर यूक्रेनी सैनिक लड़कियों से बदसलूकी कर रहे थे। मोबाइल से घर बात करने पर छात्रों की पिटाई की जाती थी।

पटना। आसमान से बर्फ तो धरती पर तनी थीं बंदूकें। पोलैंड बार्डर पर 48 घंटे तक सिर्फ अपमान। लड़कियों को न तो शौचालय जाने दिया जा रहा था और न ही उन्हें बैठने। बात-बात पर यूक्रेनी सैनिक लड़कियों से बदसलूकी कर रहे थे। मोबाइल से घर बात करने पर छात्रों की पिटाई की जाती थी। विरोध करने पर मोबाइल भी छीन लेते थे। कई छात्र भीषण ठंड में हाइपोथर्मिया के शिकार हो गिर पड़े थे, लेकिन इलाज की कोई व्यवस्था नहीं थी। यूक्रेनी सेना नहीं चाहती थी कि विद्यार्थी अपने वतन लौटें।
यूक्रेन के लवीव नेशनल मेडिकल कालेज के द्वितीय वर्ष की छात्रा हाजीपुर निवासी शिवानी ने रविवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंच दर्द भरी दास्तां सुनाई तो सभी आंखें भर आई। शिवानी ने बताया कि 22 फरवरी को ही यूक्रेन पर हमला हो गया था। 23 को उनलोगों को भारतीय दूतावास से हास्टल खाली कर यूक्रेन से पोलैंड बार्डर के रास्ते निकलने को कहा गया। 24 की सुबह वे लोग कैब रिजर्व कर पोलैंड बार्डर से 30 किमी पहले आसानी से पहुंच गए। यहां से बार्डर तक जाम लगा हुआ था। अन्य लोगों के साथ वे लोग भी अपने सामान के साथ पैदल बार्डर तक पहुंचे। उस वक्त वहां का तापमान -7 डिग्री सेल्सियस था। भारी बर्फबारी और बार्डर बंद। तैनात जवान छात्रों को भला-बुरा कह रहे थे। दूसरे दिन सुबह में उनलोगों ने बार्डर से बाहर निकालने का अनुरोध किया तो जवानों ने एक छात्रा की बाल खींचकर पिटाई कर दी। विद्यार्थियों ने वीडियो बनाने की कोशिश की तो उसका मोबाइल छीनकर तोड़ दिया। विरोध करने पर बंदूकें तान दीं। फिर भी दिन भर वे लोग बार्डर पर ही डटे रहे।
-----------
पोलैंड सीमा पर 48 घंटे इंतजार
के बाद लौटे हास्टल
चार पैकेट बिस्कट और चार बोतल पानी के सहारे 48 घंटे तक बार्डर पर डटे रहे। हिम्मत जवाब दे गई तो जवानों की प्रताड़ना से तंग आकर हमलोग वापस लवीव स्थित कालेज के हास्टल के लिए चल पड़े। फिर 30 किमी पैदल चलने के बाद कैब लेकर हास्टल पहुंचे।
--------
28 फरवरी को बस किराये पर
ले रोमानिया बार्डर पहुंचे
28 फरवरी को एजेंट की मदद से बस किराये पर ली और यहां से रोमानिया बार्डर पहुंच गए। तबतक भारत सरकार से यूक्रेन सरकार की बात हो चुकी थी। वे लोग दूसरे दिन ही बार्डर पार कर रोमानिया पहुंच गए। रोमानिया में भारत सरकार की ओर से बेहतर व्यवस्था की गई थी। यहां से पांच मार्च को भारत के लिए निकले और आज पटना पहुंच गए।
---------------
12 विमानों में 97 विद्यार्थी यूक्रेन से पटना पहुंचे
जागरण संवाददाता, पटना : यूक्रेन से रविवार को भी 97 बिहारी विद्यार्थियों को 12 विमानों से दिल्ली व मुंबई से पटना एयरपोर्ट लाया गया। अब तक 756 विद्यार्थी सकुशल यूक्रेन से पटना आ चुके हैं। अभी भी सौ से अधिक छात्रों के यूक्रेन में फंसे होने की आशंका है। जिला प्रशासन की ओर से पटना आए विद्यार्थियों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। एयरपोर्ट पर ही उनके खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी। रविवार की देर रात तक छात्रों के आने का सिलसिला जारी रहा।
विमान संख्या 6ई 5373 से 11.45 बजे मुंबई से नौ विद्यार्थी पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे। इनमें से पांच छात्र वैशाली, एक भागलपुर, एक कटिहार, एक मधेपुरा एवं एक बांका के थे। इंडिगो की विमान संख्या 6ई 6223 से सात विद्यार्थी पटना पहुंचे। इनमें दरभंगा, कटिहार, सिवान के एक-एक तथा पश्चिमी चंपारण एवं भागलपुर के दो-दो छात्र थे। बिहार फाउंडेशन की ओर से मुंबई के रास्ते 74 छात्रों की वापसी कराई गई है।
--------
रविवार को पटना पहुंचे विद्यार्थी
शहर- संख्या
-पटना - 4
नालंदा -7
भोजपुर -2
बक्सर -2
कैमूर-1
मुजफ्फरपुर- 3
सीतामढ़ी- 5
वैशाली- 8
शिवहर- 1
पश्चिम चंपारण-4
पूर्वी चंपारण- 5
छपरा -1
सिवान- 3
गोपालगंज -3
दरभंगा-2
मधुबनी - 3
सहरसा-1
मधेपुरा- 2
पूर्णिया- 4
किशनगंज -1
भागलपुर -11
बांका -1
मुंगेर- 2
जमुई -2
लखीसराय- 2
बेगूसराय-4
गया -9
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।