बिहार में बालू खनन पर सख्ती: इन नियमों-शर्तों का करना होगा पालन, GPS वाले वाहन ही होंगे पोर्टल पर पंजीकृत
बिहार में बालू खनन को लेकर खान एवं भूतत्व विभाग की ओर नियम सख्त कर दिए गए हैं। पहली अक्टूबर से प्रदेश की नदियों से बालू खनन प्रारंभ होगा। इससे पहले करीब 900 घाटों का नए सिरे से बंदोबस्त करने की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान जो बालू कारोबारी खान एवं भूतत्व विभाग के नियमों को नहीं मानेगा उसे ठेका नहीं मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना: मानसून का मौसम समाप्त होने के साथ ही पहली अक्टूबर से प्रदेश की नदियों से बालू खनन प्रारंभ होगा। इसके पहले सभी करीब नौ सौ बालू घाटों का नए सिरे से बंदोबस्त करने की प्रक्रिया जारी है।
खास बात यह है कि इस बार बालू का पट्टा-ठेका प्राप्त करने वाले बालू कारोबारियों को खान एवं भूतत्व विभाग की कई शर्तों का पालन करना होगा। इसके बगैर बालू का ठेका-पट्टा मिलने के बाद वे नदियों से खनन नहीं कर पाएंगे।
प्रदेश में इस बार बालू बंदोबस्त का काम जिलाधिकारियों के जरिये हो रहा है। घाटों का बंदोबस्त कम से कम पांच सालों के लिए होना है। इन पांच सालों में बालू के वैध कारोबारी घाटों पर अपनी मनमानी न कर सकें और सरकार को पर्याप्त राजस्व प्राप्त हो इसके लिए कई शर्तें निर्धारित की गई हैं।
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बंदोबस्त के इच्छुक कारोबारियों को कम से कम तीन शर्तों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
कौन से नियम हैं, जिन्हें मानना है जरूर?
- खनन के लिए बोली लगाकर पट्टा-ठेका हासिल करने वाले बंदोबस्त धारी को सबसे पहले जिन वाहनों से खनन और परिवहन होना है, उन वाहनों का निबंधन खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर कराना होगा। जेसीबी, हाइवा, ट्रक या ट्रैक्टर बगैर निबंधन न तो बालू खनन कर सकेंगे, न ही बालू का परिवहन, क्योंकि इनके बगैर चालान निर्गत नहीं होगा।
- महत्वपूर्ण यह है कि इन वाहनों पर जीपीएस भी लगाना अनिवार्य होगा। यदि जीपीएस नहीं लगे होंगे तो वैसे वाहनों का निबंधन खान एवं भूतत्व विभाग के पोर्टल पर नहीं हो सकेगा।
- बंदोबस्त धारियों को बालू घाट या इसके आसपास वे-ब्रिज लगाना होगा ताकि वाहनों का वजन कर ज्ञात किया जा सके कि जो वाहन बालू का परिवहन कर रहे हैं, वे ओवर लोड तो नहीं।
- जिन बालू घाटों का बंदोबस्त पट्टाधारियों को मिला है, उन्हें घाटों पर सीसीटीवी कैमरा भी लगाना होगा ताकि जितनी मात्रा में बालू का खनन निर्धारित है उससे अधिक खनन या परिवहन तो नहीं हो रहा है, इसकी जानकारी विभाग के पास रहे।
अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के लिए विभाग के स्तर पर कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। अक्टूबर से खनन के लिए वैध ठेका और पट्टा के लिए भी नियम सख्त किए गए हैं। पट्टाधारियों को कम से कम तीन शर्तों का पालन अनिवार्य तौर पर करना होगा। साथ ही जिस घाट की उन्हें बंदोबस्ती मिली है, वहां उन्हें क्षेत्र का डि-मार्केसन करना होगा।
-रवि परमार, अपर मुख्य सचिव, खान एवं भूतत्व विभाग

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