बिहार में एक छत के नीचे हाेंगी पुलिस की विशेष इकाइयां, चार संयुक्त भवन तैयार
गृह विभाग से राज्य के 11 शहरों में विशेष पुलिस इकाइयों के संयुक्त भवन निर्माण की मंजूरी मिली है। इनमें से चार जगह पूर्णिया मुंगेर सहरसा और मुजफ्फरपुर में संयुक्त भवन का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि दरभंगा भागलपुर गयाजी सारण बेतिया रोहतास और बेगूसराय समेत सात जगहों पर निर्माण कार्य जारी है।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस की विशेष इकाइयाें का क्षेत्रीय कार्यालय प्रमंडलीय जिलों और प्रमुख शहरों में एक छत के नीचे होगा। गृह विभाग से राज्य के 11 शहरों में विशेष पुलिस इकाइयों के संयुक्त भवन निर्माण की मंजूरी मिली है। इनमें से चार जगह पूर्णिया, मुंगेर, सहरसा और मुजफ्फरपुर में संयुक्त भवन का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि दरभंगा, भागलपुर, गयाजी, सारण, बेतिया, रोहतास और बेगूसराय समेत सात जगहों पर निर्माण कार्य जारी है।
अपर पुलिस महानिदेशक आधुनिकीकरण सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को बताया कि इन संयुक्त भवनों में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी), विशेष शाखा, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) और मद्यनिषेध इकाई के क्षेत्रीय कार्यालय होंगे जिसमें संबंधित इकाई के वरीय पदाधिकारी बैठेंगे। इससे क्षेत्रीय स्तर पर पुलिस पदाधिकारियों को आसानी और सुलभता से इन विशेष इकाइयों का सहयोग मिल सकेगा।
इसके लिए बार-बार पटना आने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इसके जांच इकाइयों को भी छापेमारी और जांच में सहूलियत होगी। इन संयुक्त भवनों के निर्माण पर 65 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है।
पूर्णिया, गया, सारण और मुंगेर में एफएसएल भवन तैयार
राज्य में नए आपराधिक कानून के अंतर्गत सात साल से अधिक सजा वाले मामलों में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) जांच अनिवार्य कर दी गई है। इसको लेकर नौ पुलिस रेंज में क्षेत्रीय एफएसएल भवनों का निर्माण होना है। एडीजी ने बताया कि इनमें से पूर्णिया, गया, सारण और मुंगेर में एफएसएल का भवन निर्माण पूरा कर लिया गया है।
शेष पांच जगहों बेतिया, रोहतास, सहरसा, बेगूसराय और दरभंगा में भवन निर्माण कार्य जारी है। पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में क्षेत्रीय एफएसएल कार्यरत है। इनके अलावा शेष 28 जिलों में जिला चलंत विधि-विज्ञान प्रयोगशाला की स्वीकृति मिली है। इनमें 13 का भवन तैयार हो चुका है, जबकि 15 का भवन निर्माण कार्य जारी है। एफएसएल जांच के लिए 15 करोड़ से 34 मोबाइल फारेंसिक वैन की खरीद भी की गई है। फारेंसिक उपकरणों के लिए 9.65 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
सचिवालय-कोर्ट की बढ़ेगी सुरक्षा
राज्य के सभी जिला न्यायालयों के साथ पटना हाईकोर्ट की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी। एडीजी ने बताया कि सचिवालय के सभी भवनों पुराना सचिवालय, अधिवेशन भवन, सिंचाई भवन, विकास भवन में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए जाएंगे।
इसके लिए 29.24 करोड़ की स्वीकृति मिली है। वहीं जिला मुख्यालय के न्यायालयों और पटना हाईकोर्ट में मेटल डोर डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर आदि लगाए जाएंगे जिसपर 22.81 करोड़ की राशि खर्च होगी।
कैमरे से लैस होंगे ट्रैफिक पुलिसकर्मी
पटना की तर्ज पर राज्य के सभी शहरों में ट्रैफिक पुलिसकर्मी अब बाडी वार्न कैमरे से लैस होंगे। इसके लिए करीब साढ़े सात हजार बाडी वार्न कैमरों की खरीद अंतिम चरण में है। एडीजी ने बताया कि सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के समय अनिवार्य रूप से यह कैमरे आन रखने हैं। अगर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के विरुद्ध शिकायत मिली और कैमरे आफ रहें तो उनको दोषी मानकर कार्रवाई की जाएगी।
सभी आइओ के पास लैपटाप और स्मार्टफोन
एडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि नए कानूनों में आडियो-वीडियो साक्ष्य की महत्ता को देखते हुए सभी पुलिस थानों के अनुसंधान पदाधिकारियों (आइओ) को लैपटाप और स्मार्टफोन की खरीद करनी है। लैपटाप के लिए 60 हजार और स्मार्टफोन के लिए 20 हजार रुपये मिलेंगे। इस मद में 190 करोड़ की राशि जारी कर दी गई है। एसटीएफ के उपकरणों के लिए करीब पांच करोड़ जबकि एटीएस के लिए 13.82 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
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