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    सिवान के आतंक शहाबुद्दीन को भारी पड़ी थी बिजली की चोरी, दिल्‍ली से इसी मामले में हुआ था गिरफ्तार

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sun, 02 May 2021 05:37 PM (IST)

    तत्कालीन सिवान एसपी सह डीआइजी आरएस भट्टी ने 94 बैच के पांच जाबांज दरोगा को दिया था गिरफ्तारी का टास्क पांचों दारोगा की पहचान छुपाकर दिल्ली के सीबीआई ग ...और पढ़ें

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    सिवान के पूर्व सांसद और राजद नेता शहाबुद्दीन। फाइल फोटो

    पटना सिटी, अनिल कुमार। Mohammad Shahabuddin News: बिहार में राजद के दिग्गज नेता और पूर्व सांसद और सिवान में खौफ का दूसरा नाम शहाबुद्दीन को पहली बार पुलिस ने बिजली चोरी के मामले में धर दबोचा था। यह तब का दौर था, जब बड़े-बड़े अफसर उन पर हाथ डालने से कांपते थे। बतौर मुख्‍यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सरपरस्‍ती में इस बाहुबली नेता को गिरफ्तार करने की बात सोचना भी मुश्किल था। आपको यह जानकर ताज्‍जुब हो सकता है कि शहाबुद्दीन को वर्ष 2005 के नवंबर माह में दिल्ली में गिरफ्तार किया गया तो बिजली चोरी के एक मामूली मामले में।

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    पांच पुलिस अफसरों की टीम ने किया था गिरफ्तार

    शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करनेवाली बिहार पुलिस की टीम के पांचों सदस्य अभी इंस्पेक्टर व डीएसपी के पद पर बिहार के विभिन्न जिलों में कार्य कर रहे हैं। गिरफ्तार करनेवाली टीम के पांचों जाबांज सदस्यों को तत्कालीन एसपी सह डीआइजी आरएस भट्टी ने आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन के लिए भी सरकार को लिखा था। इनमें एक महिला दरोगा भी थीं।

    तेजतर्रार डीआइजी आरएस भट्टी तब बने थे सिवान के एसपी

    वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि पुलिस की फाइल में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ अनगिनत गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन से कोई पंगा नहीं लेना चाहता था। उसके बढ़ते रसूख के कारण पुलिस भी शहाबुद्दीन के गिरेबान पर हाथ डालने से बचती थी। सिवान के चर्चित एसपी बच्चू सिंह मीणा तथा रतन संजय ने बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन के घर प्रतापपुर में छापेमारी कर खलबली मचा दी थी।

    केजे राव की पहल पर बिहार आए थे भट्टी

    वर्ष 2005 के अक्टूबर में बिहार विधान सभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण कराने की जिम्मेदारी पर्यवेक्षक केजे राव को दी गई। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में पदस्थापित तेजतर्रार डीआइजी आरएस भट्टी को सिवान का एसपी सह डीआइजी पद पर स्वच्छ चुनाव कराने के लिए भेजा। 

    राष्ट्रपति शासन के दौरान हुई थी गिरफ्तारी

    सिवान के एसपी सह डीआइजी आरएस भट्टी ने पदभार ग्रहण करते ही 1994 बैच के पांच जांबाज दरोगा का चयन किया। उन्होंने टीम में मुजफ्फरपुर से दो तथा सिवान से तीन दरोगा को तत्कालीन सांसद शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने का टास्क सौंपा। पांचों दारोगा की पहचान छिपाकर दिल्ली के सीबीआई गेस्ट हाउस में ठहराया गया। वहां टीम के सदस्यों को सीबीआई के पदाधिकारियों का भी साथ मिला।

    पीछे के रास्‍ते घर में दाखिल होते ही गिरफ्तारी

    वर्ष 2005 के नवंबर माह के प्रथम सप्ताह में गोपनीय सूचना मिली कि हरियाणा से रात में सांसद शहाबुद्दीन दिल्ली स्थित आवास पर आने वाले हैं। फिर जांबाज पांचों दारोगा एक टेंपो में चालक और यात्री बनकर उसके आवास के सामने पहुंचे। उधर पीछे के रास्ते सांसद के घुसने की सूचना मिलते ही पांचों जांबाज दारोगा दिल्ली पुलिस के सहयोग से आवास में घुसे। पुलिस के आने की सूचना पाकर सांसद शहाबुद्दीन ने भागने का प्रयास किया। इधर जाबांज पुलिस पदाधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    सिवान के आंदर थाने में दर्ज था बिजली चोरी का मामला

    अधिकतर गंभीर अपराध के मामलों में वे जमानत पर थे। तब सिवान जिला के आंदर थाना बिजली चोरी के मामले में जारी वारंट के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर पार्लियामेंट थाना लाया गया। उसके बाद अगले दिन एसटीएफ के साथ विशेष विमान से उन्हें सिवान में लाकर प्रस्तुत किया गया। इस उपलब्धि के लिए विशेष टीम के पांचों सदस्यों को डीआइजी आरएस भट्टी ने सिर्फ पीठ ही नहीं ठोकी, बल्‍क‍ि उनके आउट ऑफ टर्न प्रोमोशन के लिए बिहार सरकार को लिखे थे।