BSSC SCAM: दो इंजीनियर गिरफ्तार, नालंदा से जुड़े तार
बिहार कर्मचारी चयन आयोग प्रश्नपत्र लीक मामले में एसआइटी ने दो इंजीनियर को गिरफ्तार किया है। ये लोग अंतरवस्त्र में ब्लूटूथ लगाने का काम करते थे।
पटना [जेएनएन]। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटरस्तरीय प्रतियोगी परीक्षा के पेपर लीक कांड में बुधवार को एसआइटी के हाथ बड़ी सफलता लगी। एसआइटी ने कांड में संलिप्त दो इंजीनियरों को गिरफ्तार कर लिया, जो जालसाज गिरोह के लिए अभ्यर्थियों के अंतरवस्त्र में ब्लूटूथ लगाने का काम करते थे।
गिरफ्तार जालसाजों की पहचान कौशलेंद्र कुमार उर्फ गोरेलाल उर्फ कौशिक (हरप्रसाद बिगहा, बेन, नालंदा) और राकेश रंजन उर्फ रॉकी (गजेंद्र बिगहा, हिलसा, नालंदा) के रूप में हुई है। रॉकी वर्तमान में बेउर थाना क्षेत्र के मगध कॉलोनी में रह रहा था।
दोनों ने पटना एनआइटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी विभाग से इंजीनियरिंग की थी। वर्ष 2013 में उन्हें इंजीनियर का सर्टिफिकेट मिला। इसके बाद उन्होंने कभी नौकरी की तलाश नहीं की, बल्कि जालसाज गिरोह के साथ परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को कदाचार कराने की तरकीब तलाशने लगे।
कौशिक को गुरुजी कहता है पवन
मालूम हो कि बीएसएससी परीक्षा के दूसरे चरण से एक दिन पहले चार अप्रैल को एसआइटी ने अगमकुआं थाना क्षेत्र से पवन कुमार, विपिन कुमार और नवनीत कुमार को पकड़ा था। उनके पास से दर्जनों ब्लूटूथ लगे अंडर गार्मेंट्स बरामद हुए थे। पवन गिरोह का सरगना बताया गया था। उसने बताया था कि कौशिक अंडर गार्मेंट्स में ब्लूटूथ लगाता है। तब से पुलिस को उसकी तलाश थी।
फर्जीवाड़ा गिरोह में तीन गुरुजी शामिल
एसआइटी ने अब तक तीन गुरुजी की पहचान की है, जो अलग-अलग फर्जीवाड़ा गिरोह से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि तीनों का मकसद प्रतियोगी परीक्षाओं में सेटिंग करना है और वे प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से पेपर लीक कांड में शामिल रहे हैं। आरा निवासी गुरुजी को राजस्थान पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
नालंदा के नूरसराय थानान्तर्गत संजीव उर्फ गुरुजी की पुलिस को तलाश थी। तफ्तीश में मालूम हुआ कि संजीव के भांजे रॉकी के तार भी गिरोह से जुड़े हैं। इसके बाद रॉकी की गिरफ्तारी हुई। वहीं तीसरे गुरुजी के कोलकाता में छिपे होने की जानकारी मिली है, लेकिन अब तक उसका सटीक ठिकाना नहीं पता चल पाया है।
अतुल सिन्हा के अधीन चलते हैं कई गिरोह
एसआइटी अतुल सिन्हा नामक जालसाज को सरगर्मी से तलाश रही है, जो कई सालों से राज्य सरकार द्वारा आयोजित परीक्षाओं में सेटिंग करता आ रहा है। अतुल पटना का रहने वाला है। वह भर्ती परीक्षाओं में सेटिंग कराने वाले दर्जनों गिरोह का मुख्य सरगना है।
उसके साथ संजीव उर्फ गुरुजी, पवन और कौशिक काम करते हैं। सबका अलग-अलग काम बंटा है। पवन और गुरुजी सेटिंग कराने के इच्छुक अभ्यर्थियों को ढूंढते हैं, जबकि कौशिक ब्लूटूथ लगाने और अतुल प्रश्नपत्र लीक कराने का काम करते हैं।
स्कॉलर बैठाता था अतुल
तकनीक उपकरणों के प्रचलन के पहले से अतुल का गिरोह परीक्षाओं में सेटिंग करता आ रहा है। पहले वह अभ्यर्थियों के बदले पढ़ाई में तेज छात्रों (स्कॉलर) को बिठाकर परीक्षा पास करवाता था। अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र में भेजने से पहले उनसे मोटी रकम वसूली जाती थी। नौकरी होने के बाद सौदे की पूरी राशि लेते थे।
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आधा दर्जन और लोगों की गिरफ्तारियां
अतुल के ऊपर की कड़ी में आधा दर्जन लोग हैं, जो उसे प्रश्नपत्र मुहैया कराने से लेकर मूल्यांकन के दौरान नंबर बढ़ाने तक में मदद करते हैं। एसआइटी ने अब तक उनके नाम नहीं खोले हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। वहीं रुपये लेकर प्रश्नपत्र बेचने वालों की तादाद बड़ी है। हर जालसाज तक पहुंचना संभव नहीं माना जा रहा।
कौशिक नामजद आरोपी है, जबकि रॉकी की भूमिका अनुसंधान के क्रम में सामने आई। दोनों पटना एनआइटी के पासआउट छात्र हैं। इनके आका अतुल सिन्हा व अन्य तक पहुंचने की कवायद जारी है।
- मनु महाराज, एसएसपी।
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